प्रस्तावना :-
समाज कार्य मानव जीवन के सभी पहलुओं के कल्याण से संबंधित सेवाएँ प्रदान करता है। सामाजिक कार्यों में श्रम कल्याण भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सामाजिक कार्य संस्थाओं के माध्यम से श्रमिकों के लिए रोजगार, मानसिक, शारीरिक विकास एवं मनोरंजन से संबंधित कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं, साथ ही श्रमिकों के लिए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रम भी संचालन किया जाता है।
श्रम कल्याण का अर्थ :-
श्रम कल्याण एक बहुत व्यापक शब्द है। श्रम कल्याण में श्रमिक समुदाय के लिए सामाजिक और बौद्धिक कल्याण, मनोरंजन, सुरक्षा और आर्थिक लाभ से संबंधित कई प्रकार के कार्य शामिल हैं। इस प्रकार, श्रमिक कल्याण शब्द को एक सीमा तक सीमित नहीं किया जा सकता है।
सरल शब्दों में, ‘श्रम कल्याण’ का तात्पर्य श्रमिकों को उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं से है।
श्रम कल्याण की परिभाषा :-
श्रम कल्याण को और भी स्पष्ट करने के लिए कुछ प्रमुख विद्वानों की परिभाषाओं का उल्लेख कर सकते हैं –
“श्रम कल्याण का अर्थ है श्रमिकों को सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए उपलब्ध की जाने वाली संस्थाओं से है।”
सर एड़वर्ड पेंटन
“श्रम कल्याण कार्य का अर्थ किसी फर्म द्वारा श्रमिकों के व्यवहार एवं कार्य के लिए अपनाए गए कुछ सिद्धांतों को से है।”
कैली
“श्रम कल्याण का आशय विद्यमान औद्योगिक प्रणाली और उनके कारखानों में रोजगार की दशाओं का उन्नत करने के लिए मालिकों द्वारा किये जाने वाले ऐच्छिक प्रयासों से है।”
ग्राउण्ड
“श्रम कल्याण से ऐसी सेवाओं एवं सुविधाओं को समझा जाना चाहिए जो कारखाने के अन्दर अथवा निकटवर्ती स्थानों में स्थापित की गई हो ताकि उनमें काम करने वाले श्रमिक स्वस्थ और शान्त पूर्ण परिस्थितियों में अपना काम कर सकें एवं अपने स्वास्थ्य और नैतिक स्तर को ऊँचा उठाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकें ।”
अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन
“श्रम कल्याण का अर्थ है क़ानून औद्योगिक प्रथा तथा बाजार की दशाओं के अतिरिक्त मालिकों द्वारा वर्तमान औद्योगिक व्यवस्था के अंतर्गत श्रमिकों के काम करने और कभी कभी जीवन निर्वाह एवं सांस्कृतिक दशाओं को उपलब्ध करने के एच्छिक प्रयत से हैं।”
सामाजिक विज्ञानों के विश्व कोष के अनुसार
श्रम कल्याण की विशेषताएं :-
श्रम कल्याण की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:-
- श्रम कल्याण श्रमिकों को मजदूरी के अतिरिक्त दिया जाने वाला लाभ है।
- श्रमिक कल्याण का तात्पर्य श्रमिकों को प्रदान की जाने वाली कुछ विशेष सुविधाओं से है।
- श्रमिक कल्याण में वे सुविधाएं शामिल नहीं हैं जो कानून के तहत उन्हें प्रदान की जानी आवश्यक हैं।
- ये विशेष सुविधाएं श्रमिकों, सेवा प्रदाताओं और सामाजिक संगठनों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती हैं।
- ये विशेष सुविधाएं उच्च कार्य स्थितियों या व्यवस्थाओं से संबंधित हैं।
- इन विशेष सुविधाओं का उद्देश्य श्रमिकों के शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, शैक्षिक, बौद्धिक और सामाजिक जीवन की उन्नति करना है।
- ये विशेष सुविधाएं श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाती हैं, और उनके दृष्टिकोण का विस्तार करती हैं।
- इन श्रमिक कल्याण कार्यों के माध्यम से सामाजिक असंतोष और क्रांति को समाप्त करना होगा।
- श्रमिक कल्याण कार्य न केवल मालिकों से बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जीवन से भी संबंधित है।
- श्रमिकों की प्रगति से राष्ट्र की समृद्धि होती है।
श्रम कल्याण के उद्देश्य :-
श्रम कल्याण कार्य के उद्देश्यों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है:-
- कार्यस्थल पर श्रमिकों को मानवीय दशाएं प्रदान करना
- श्रमिकों की कार्यकुशलता बढ़ाना
- श्रमिकों को नागरिकता की भावना से अवगत कराना
- श्रमिकों, नियोक्ताओं और सरकार के बीच स्वस्थ संबंध बनाने
- राष्ट्रीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना
- इसके माध्यम से समाज में अनुकूल सामाजिक परिस्थितियों का निर्माण करना
श्रम कल्याण के कार्य :-
श्रम कल्याण से संबंधित कार्यों का दायरा काफी व्यापक है। इन कार्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –
- स्थान के आधार पर
- प्रबंध के आधार पर
- प्रदान करने वाले दल के आधार पर
स्थान के आधार पर वर्गीकरण –
डॉ. बाउटन ने श्रमिक कल्याण कार्यों को स्थान के आधार पर दो श्रेणियों में विभाजित किया है –
- कारखाने के भीतर के श्रम कल्याण कार्य, जो कि निम्न है –
- श्रमिकों का वैज्ञानिक प्रणाली से भर्ती करना
- विभिन्न कारखानों में निर्दिष्ट कार्यों का प्रशिक्षण
- स्वच्छता, प्रकाश, वायु और जल का प्रबंध करना
- दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए व्यवस्था का प्रबंध करना
- कैंटीन, मनोरंजन, थकावट दूर करने और आराम की व्यवस्था करना
- कारखाने के बाहर के श्रम कल्याण कार्य, जो निम्न हैं –
- आवास की व्यवस्था करना
- सस्ता और संतुलित पौष्टिक आहार की व्यवस्था करना
- श्रमिकों के मनोरंजन की व्यवस्था करना
- शिक्षण की व्यवस्था करना जैसे कि सामाजिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा इत्यादि
- निशुल्क चिकित्सा व्यवस्था करना
प्रबंध के आधार पर वर्गीकरण –
प्रबंधन के आधार पर श्रम कल्याण कार्यों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है –
- वैधानिक श्रम कल्याण कार्यों में वे कार्य शामिल हैं, जो सरकार द्वारा बनाए गए कुछ कानून हैं, जिसके कारण मालिकों को कानूनों का पालन करना पड़ता है। यह काम करने की स्थिति, काम के घंटे, पानी, प्रकाश व्यवस्था, स्वास्थ्य और स्वच्छता आदि से संबंधित है।
- ऐच्छिक श्रम कल्याण कार्यों में वे कार्य शामिल हैं जो नियोक्ता अपने श्रमिकों के लिए प्रदान करते हैं। इस प्रकार के श्रमिक कल्याण कार्यों से श्रमिकों की कार्यक्षमता बढ़ती है और साथ ही संघर्ष की संभावना भी कम हो जाती है।
- पारस्परिक श्रम कल्याण कार्य श्रमिकों द्वारा किये जाने वाले वे कार्य हैं, जो वे एक-दूसरे के सहयोग से अपने कल्याण के लिए करते हैं। इसका उद्देश्य श्रमिक संघ कार्यकर्ताओं के कल्याण के लिए कई कार्य करना है।
प्रदान करने वाले दल के आधार पर वर्गीकरण –
- सेवा प्रदाताओं द्वारा वेतन के अलावा आवास, स्वास्थ्य, मनोरंजन, शिक्षा, परिवहन आदि जैसे लाभ प्रदान किए जाते हैं।
- शासन, प्रशासन द्वारा दिए गए कल्याणकारी कार्य।
- श्रमिक संघों के माध्यम से किये जाने वाले कल्याणकारी कार्य।
- समाज की विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से किये गये कल्याणकारी कार्य।
श्रम कल्याण कार्य के अंग :-
श्रम कल्याण कार्यों के निम्नलिखित अंग हैं:-
- वैज्ञानिक पद्धति से श्रमिकों की भर्ती
- कार्यस्थल की उचित व्यवस्था जहां श्रमिक काम करते हैं – स्वच्छता, पानी, वायु प्रकाश आदि की उचित व्यवस्था
- तकनीकी एवं सामान्य शिक्षा की व्यवस्था
- दुर्घटनाओं की रोकथाम की समुचित व्यवस्था
- आवास हेतु स्वच्छ मकानों का निर्माण
- चिकित्सा, स्वास्थ्य
- संतुलित पोषण आहार की पर्याप्त सुविधा
- मनोरंजन की व्यवस्था
- भोजन की उचित व्यवस्था
- कार्य संतुष्टि और वैज्ञानिक घंटे
- उचित मजदूरी दरें
- सर्वोत्तम मजदूरी और मशीनें, उपकरण
- कम या बिना किसी लागत पर गुजारा करने के लिए शिक्षा
- श्रम केन्द्रों को सुन्दर एवं आकर्षक बनाना
श्रम कल्याण का महत्व :-
- यह श्रम कल्याण के माध्यम से औद्योगिक संबंधों को मधुर बनाने में मदद करता है। इससे कार्यकर्ताओं के मन में स्वस्थ भावना पैदा होती है।
- इससे श्रमिकों की काम में रुचि बढ़ाने में मदद मिलती है। श्रमिक कल्याण कार्यों से उनकी कार्य के प्रति रुचि बढ़ती है।
- यह श्रमिकों की कार्य कुशलता बढ़ाने में मदद करता है। श्रमिक कल्याण कार्यक्रम श्रमिकों की कार्यकुशलता बढ़ाने के साथ-साथ उनके मानसिक एवं बौद्धिक विकास में भी सहायक होते हैं।
- यह श्रमिकों के स्वस्थ आदर्श चरित्र के निर्माण में सहायता करता है। श्रमिक कल्याण कार्यों से उनकी बुरी आदतें दूर होती हैं।
- श्रमिक कल्याण कार्यों से श्रमिकों की अनेक समस्याओं का समाधान होता है। कल्याणकारी कार्यों से उन्हें सभी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।
- यह कार्यों को प्रभावी बनाने में मदद करता है। जहाँ श्रमिक कल्याण के कार्य किये जाते हैं, वहाँ सेवाएँ अधिक आकर्षक एवं प्रभावी हो जाती हैं, जिससे श्रमिकों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
- यह अशिक्षित श्रमिकों को शिक्षित करने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने में सहायक है।
- यह श्रमिक कल्याण को औद्योगिक प्रशासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने में मदद करता है।
श्रम कल्याण कार्यक्रम :-
भारत में निम्न संस्थाओं द्वारा श्रम कल्याण सम्बन्धी कार्यक्रमों को प्रदान किया जाता है :-
भारत में निम्नलिखित संस्थानों द्वारा श्रम कल्याण कार्यक्रम प्रदान किये जाते हैं:-
- केन्द्रीय सरकार के माध्यम से चलाए जाने वाले श्रम कल्याण कार्यक्रम
- राज्य सरकारों माध्यम से चलाए जाने वाले श्रम कल्याण कार्यक्रम
- सेवा प्रदाताओं या कारखानों के मालिकों एवं उनके संघ द्वारा चलाए जाने वाले श्रम कल्याण कार्यक्रम
- कर्मचारी संघों माध्यम से चलाए जाने वाले श्रम कल्याण कार्यक्रम
- श्रम कल्याण के लिए बनायी गयी वैधानिक कल्याण निधियां द्वारा
श्रम कल्याण की आवश्यकता :-
श्रमिक कल्याण की आवश्यकता के संबंध में निम्नलिखित तर्क दिये जा सकते हैं:-
औद्योगिक शांति की स्थापना –
औद्योगिक शांति के बिना न तो पर्याप्त उत्पादन होगा और न ही औद्योगिक विकास एवं प्रगति होगी। श्रमिक कल्याण कार्यों से स्वस्थ वातावरण बनता है और औद्योगिक शांति स्थापित होती है।
कार्यक्षमता में वृद्धि –
श्रम कल्याण कार्यों से श्रमिकों में विभिन्न सामाजिक गुणों का विकास होता है तथा उन्हें अनेक सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप श्रमिकों की कार्यकुशलता में वृद्धि होती है।
सामाजिक गुणों का विकास –
श्रम कल्याण कार्यों से श्रमिकों में अनेक सामाजिक गुणों का विकास होता है तथा उनकी बुरी आदतें दूर होती हैं। ताकि वे समुदाय में अपनी भूमिका निभा सकें।
मानसिक शांति –
श्रम कल्याण कार्यों का परिणाम यह है कि श्रमिकों में मानसिक शांति की भावना विकसित होती है।
उत्तरदायित्व का अहसास –
श्रमिक कल्याण कार्यों के फलस्वरूप श्रमिकों में उत्तरदायित्व की भावना विकसित होती है। जिसके कारण ये औद्योगिक कार्यों में विशेष रुचि लेते हैं।

संक्षिप्त विवरण :-
समाज कार्य में श्रमिक कल्याण भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। श्रम कल्याण श्रमिकों के कल्याण में मदद करता है। इसके माध्यम से श्रमिकों के लिए रोजगार, शारीरिक, मानसिक विकास, आर्थिक सुरक्षा एवं आवास आदि से संबंधित कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं।
FAQ
श्रम कल्याण क्या होता है ?
‘श्रम-कल्याण’ मजदूरों को उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए उपलब्ध की जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं को कहते हैं ।
श्रम कल्याण कार्यों का वर्गीकरण लिखिये ?
- स्थान के आधार पर
- प्रबंध के आधार पर
- प्रदान करने वाले दल के आधार पर