व्यवहार क्या है व्यवहार का अर्थ vyavhar behaviour in hindi
व्यवहार का तात्पर्य वाह्य पर्यावरण के प्रति व्यक्ति की प्रतिक्रिया से है। व्यक्ति समायोजन करने के लिए प्रतिक्रिया करता है।
psychology is the study of human behavior. The microscopic study of the mental phenomena that occur within man is the basis of the study of psychology.
व्यवहार का तात्पर्य वाह्य पर्यावरण के प्रति व्यक्ति की प्रतिक्रिया से है। व्यक्ति समायोजन करने के लिए प्रतिक्रिया करता है।
जन्म के बाद की अवस्था को शैशवावस्था कहा जाता है, जिसके बाद वह क्रमशः बाल्यावस्था, किशोरावस्था, प्रौढ़ावस्था और अंत में वृद्धावस्था में प्रवेश करता है।
प्रौढ़ावस्था में, शारीरिक कार्य, गामक और मानसिक योग्यताएं जैसे विकासात्मक कार्यों में महारत हासिल करने के साधन प्रतिरूप होते हैं।
विकास की विभिन्न अवस्थाओं में किशोरावस्था का महत्वपूर्ण स्थान है। किशोरावस्था वह समय है जिसमें एक विकासशील व्यक्ति बाल्यावस्था से युवावस्था की ओर बढ़ता है।
बाल्यावस्था में बालक के शैक्षिक, सामाजिक, नैतिक और भावनात्मक विकास की नींव मजबूत होती है, जो आगे चलकर उसे एक परिपक्व इंसान बनाती है।
शैशवावस्था के प्रारंभिक काल में बच्चे की शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति उसके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस स्तर पर मानसिक विकास के कोई स्थूल लक्षण नहीं दिखते।
सृजनात्मकता के क्षेत्र में काम करने वाले शोधकर्ताओं ने बच्चों में सृजनात्मकता का विकास के लिए विशेष तकनीकों और विधियों के इस्तेमाल को उचित ठहराया है।
सृजनात्मकता का अर्थ किसी व्यक्ति विशेष की किसी नवीन विचार या वस्तु को बनाने, खोजने या उत्पादन करने की अद्वितीय संज्ञानात्मक योग्यता या क्षमता से है।
अभिप्रेरणा के सरल एवं शाब्दिक अर्थ के अनुसार हम किसी भी उत्तेजना को अभिप्रेरणा कह सकते हैं जिसके कारण व्यक्ति प्रतिक्रिया या व्यवहार करता है।
मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लक्षण निम्नलिखित हैं:-