औद्योगीकरण क्या है औद्योगीकरण का अर्थ एवं परिभाषा, विशेषताएं
औद्योगीकरण और शहरीकरण की प्रक्रिया साथ-साथ चलती है। औद्योगीकरण जितनी तेजी से होता है। नगरीकरण भी उतनी ही तीव्र गति से होता है।
औद्योगीकरण और शहरीकरण की प्रक्रिया साथ-साथ चलती है। औद्योगीकरण जितनी तेजी से होता है। नगरीकरण भी उतनी ही तीव्र गति से होता है।
इस ब्लॉग पोस्ट का अध्ययन करने के बाद आप भारत में औद्योगिक विकास की समस्याओं और समस्याओं का समाधान को जान पाएंगे।
सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया उद्विकास, प्रगति, विकास, सामाजिक आंदोलन और क्रांति आदि विभिन्न रूपों में निरंतर चलती रहती है।
सामाजिक परिवर्तन का दूसरा प्रमुख रूप प्रगति है। प्रगति समाज द्वारा, समाज के सदस्यों द्वारा स्वीकृत उद्देश्यों की प्राप्ति का परिणाम है।
जनजाति एक क्षेत्रीय मानव समूह है जो आम तौर पर क्षेत्र, भाषा, सामाजिक नियम, आर्थिक गतिविधियों आदि के मामले में एक समान सूत्र से बंधा होता है।
इस ब्लॉग पोस्ट का अध्ययन करने के बाद आप ग्रामीण और नगरीय समाज में अंतर को जान पाएंगे।
ग्रामीण समाज के लोग विभिन्न लक्ष्यों को पूरा करते हुए एक निश्चित क्षेत्र में रहते हैं। कृषि इनका मुख्य व्यवसाय है। जनसंख्या का घनत्व कम है।
नगरीय समाज ग्रामीण समुदाय की तरह ही छोटे समुदायों से बना है। नगरीय समाज के अंतर्गत हम विभिन्न शहरी समुदायों का निर्माण करते हैं तथा संगठनों का निर्माण करते हैं
भारत में विविधता विद्यमान हैं, फिर इन सभी विविधताओं के बीच भारतीय समाज में जो एकता की भावना देखी जाती है, उसे इन आधारों पर समझाया गया है।
भारत में अनेकता में एकता को बनाए रखने में कई भारतीय राजाओं, हिंदू और मुस्लिम संतों और समाज सुधारकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।