सामाजिक नीति के सिद्धांत क्या है? samajik niti ke siddhant
डा. श्रीमती इंगा थार्सन ने इंटरनेशनल काउंसिल फॉर सोशल वेलफेयर के समक्ष अपने विचार व्यक्त करते हुए, सामाजिक नीति के सिद्धांत के 5 प्रमुख सिद्धांतों को
डा. श्रीमती इंगा थार्सन ने इंटरनेशनल काउंसिल फॉर सोशल वेलफेयर के समक्ष अपने विचार व्यक्त करते हुए, सामाजिक नीति के सिद्धांत के 5 प्रमुख सिद्धांतों को
सामाजिक नीति की विशेषताएं को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है :- सामाजिक नीति, एक विषय के साथ अभ्यास का एक क्षेत्र है ।
सामाजिक नीति ऐसे सिद्धांतों, नियमों, कानूनों और कार्यक्रम से संबंधित है । जो मानव कल्याण में सहायक है । सामाजिक नीति समाज की बुराइयों व समस्या को दूर
मनोविज्ञान की इस शाखा की उपयोगिता को निम्नलिखित दो भागों में अभिव्यक्त किया जा सकता है। सामाजिक मनोविज्ञान की उपयोगिता :- १ व्यावहारिक उपयोगिता २ सैद्धान्तिक
समस्याएँ अनेक समूहों या किसी भिन्न व्यक्ति से संबंधित हो सकती हैं। इन समस्याओं का अध्ययन, विश्लेषण एवं व्याख्या मूलतः सामाजिक मनोविज्ञान के क्षेत्र है।
सामाजिक घटनाओं का अध्ययन करने के लिये सामाजिक अनुसंधान के तहत मुख्य रूप से दो विधियों का प्रयोग करते हैं | सामाजिक अनुसंधान की विधियां निम्नलिखित हैं -
सामाजिक सर्वेक्षण का अध्ययन क्षेत्र विस्तृत होता है कि कोई अकेले ही सम्पूर्ण अध्ययन कठिनता से कर सकता है,यह एक सहकारी प्रक्रिया होती है।
सामाजिक अनुसंधान तथा सामाजिक सर्वेक्षण में अंतर निम्नलिखित है— १ सामाजिक सर्वेक्षण का अध्ययन क्षेत्र सामाजिक अनुसंधान की तुलना में अधिक विस्तृत है
परामर्श के प्रकार निम्न है – १ छात्र परामर्श, २ मनोवैज्ञानिक परामर्श, ३ मनोचिकित्सकीय परामर्श, ४ नैदानिक परामर्श, ५ नियोजन परामर्श, ६ वैवाहिक परामर्श,
सामाजिक क्रिया का उद्देश्य सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश को निश्चित आकार देकर उसका विकास करना होता है जिस से सभी नागरिकों के लिए समृद्ध जीवन सम्भव किया जा सके।