बाल्यावस्था में बालक के शैक्षिक, सामाजिक, नैतिक और भावनात्मक विकास की नींव मजबूत होती है, जो आगे चलकर उसे एक परिपक्व इंसान बनाती है।
शैशवावस्था के प्रारंभिक काल में बच्चे की शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति उसके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस स्तर पर मानसिक विकास के कोई स्थूल लक्षण नहीं दिखते।
सृजनात्मकता के क्षेत्र में काम करने वाले शोधकर्ताओं ने बच्चों में सृजनात्मकता का विकास के लिए विशेष तकनीकों और विधियों के इस्तेमाल को उचित ठहराया है।
सृजनात्मकता का अर्थ किसी व्यक्ति विशेष की किसी नवीन विचार या वस्तु को बनाने, खोजने या उत्पादन करने की अद्वितीय संज्ञानात्मक योग्यता या क्षमता से है।
अभिप्रेरणा के सरल एवं शाब्दिक अर्थ के अनुसार हम किसी भी उत्तेजना को अभिप्रेरणा कह सकते हैं जिसके कारण व्यक्ति प्रतिक्रिया या व्यवहार करता है।
मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लक्षण निम्नलिखित हैं:-
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जो व्यक्तियों में मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने और मानसिक बीमारी को रोकने से संबंधित तथ्यों को उजागर करता है।
दुनिया में केवल वही लोग खुद को शारीरिक और सामाजिक परिस्थितियों में समायोजित कर पाते हैं जिनका मानसिक स्वास्थ्य (mental health) अच्छा होता है।
मानसिक बीमारियों को कुसमायोजन प्रतिक्रियाओं में गिना जाएगा। इसी प्रकार आपराधिक एवं किशोर अपराधी व्यवहार तथा असामाजिक व्यवहार को भी अनुचित माना जायेगा।
आवश्यकताओं और उन्हें पूरा करने के साधन यानी लक्ष्य के बीच कोई बाधा आ जाती है इसके कारण यदि वह अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता तो कुंठा हो जाता है।