समाज कार्य व्यवसाय की समस्या क्या है ?

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  • Post last modified:अक्टूबर 30, 2023

प्रस्तावना :-

मौजूदा काल में समाज कार्य व्यवसाय अनेक बदलावों से गुजर रहा है जिसके कारण समाज कार्य व्यवसाय की समस्या व चुनौतियां उत्पन्न हो रही है। अपनी विशिष्टता को बनाये रखने के लिए समाज कार्य व्यवसाय के लिए अनिवार्य है कि ऐसी तकनीकियों, निपुणताओं और क्षमताओं को विकसित करें जिससे कि समाज कार्य व्यवसाय को अपनी परिस्थिति और व्‍यावसायिक विशेषता को बनाये रखने के लिए पूर्ण प्रबन्ध कर उत्पन्न समस्याए व चुनौतियों का सामना किया जा सके।

समाज कार्य व्यवसाय की परिप्रेक्ष्य :-

समाज कार्य का उद्देश्य समाज में लोगों को इस प्रकार से सेवायें को उपलब्ध करना है जिससे कि वे सभ्य समाज का निर्माण कर सके। समाज कार्य व्यवसाय के द्वारा समाज से सम्बन्धित लोगों के सामाजिक आवश्यकताओं और सामाजिक पहलू एवं जटिलताओं का समावेश गहनता से प्रकट होता है जिस के द्वारा समाज कार्य व्यवसाय अन्य व्यवसायों की तरह किये जाने वाले कार्यों, नये ज्ञान तथा रवैया को अपने अन्दर समाहित कर सके।

समाज कार्य व्यवसाय की समस्याए व चुनौतियाँ :-

कोई भी व्यवसाय समाज की परिकल्पना के बिना अपने उद्देश्यों, विषय वस्तु तथा अन्य निर्धारकों का निर्धारण नहीं कर सकता है।

यह महत्वपूर्ण, गंभीर है कि भारत में समाज कार्य अभी भी एक नए व्यवसाय के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। समाज कार्य व्यवसाय अपने पूर्ण स्तर को वर्तमान समय में प्राप्त नहीं कर सका है। साथ ही समाज कार्य व्यवसाय ने व्यवसायिक क्षमताओं के आधार पर समाज में अपनी स्वीकृति को साबित व प्रमाणित नहीं कर पाया है।

समाज कार्य शिक्षा के बहुत से विद्धानों का मानना है, कि समाज कार्य ने एक विषय के रूप में अपनी पहचान को स्थापित किया है न कि व्यवसाय के रूप में और भारत में समाज कार्य की शिक्षा समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं है। इसके अतिरिक्त भारतीय समाज के बदलते हुए मानकों व मापदंडों ने अनेक प्रकार की नई-नई समस्याओं को उत्पन्न किया है जिससे  समाज कार्यकर्ता की पहचान को खतरे में डाला है।

भारत में समाज कार्य व्यवसाय की समस्याओं के निम्न करण है :-

समाज कार्य की अवधारणा में संदेह :-

भारत में लोगो को समाज कार्य शिक्षा तथा प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा अभी तक समाज कार्य की अवधारणा की स्पष्ट परिभाषा नहीं की जा सकी है।

भारतीय स्वरूप में समाज कार्य ज्ञान का अभाव है :-

भारत की जनता ने वर्त्तमान समय में समाज कार्य व्यवसाय की अधिक जानकारी नहीं है।

समाज कार्य व्यवसाय के प्रति सामुदायिक मान्यता का अभाव :-

भारत में वर्तमान समय में भी लोगों के द्वारा समाज कार्य को एक व्यवसाय के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है। भारत में समाज कल्याण के क्षेत्र में जहां पर विशाल स्तर पर प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है, सामाजिक कार्यकर्ता को बैधानिक पहचान नहीं दे पाया है। गैर सरकारी संगठन भी इसके महत्व को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।

अप्रभावशाली व्यावसायिक संगठन :-

भारत में वर्त्तमान समय में प्रभावशाली संगठन की स्थापना नहीं हो पायी है एवं उसकी स्वीकारोक्ति भी नहीं है | प्रभावशाली संगठन के अभाव में समाज कार्य व्यवसाय अपनी पहचान बनाने में असमर्थ है।

समाज कार्य शिक्षा से सम्बन्धित विशेषज्ञता :-

भारत में वर्त्तमान समय में समाज कार्य शिक्षा में छात्रों को अन्य विषयों की तरह सामान्य शिक्षा और विशेषीकरण से सम्बन्धित शिक्षा में उचित अभ्यास व प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है। भारत में जो भी विशेषीकरण प्रशिक्षण किया जा रहा है वह वर्तमान समय में उपयुक्त नहीं है।

पाठ्यक्रम में नवीनता का अभाव :-

वर्तमान काल में अपनायी जा रही पढ़ाने का तरीका में आवश्यकता अनुरूप परिवर्तन लाये जाये जो कि प्रभावशाली हो एवं भारतीय परिस्थिति के अनुसार परिपूर्ण समस्याओं और आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम में परिवर्तन की आवश्यकता है। समाज कार्य शिक्षा से सम्बंधित शिक्षण संस्थाओं के द्वारा दी जाने वाली शिक्षा भारतीय परिस्थिति के अनुसार नहीं है जिसके वजह से समाज कार्य अभ्यास की तकनीकियों का उपयोग नहीं हो पा रहा है।

पर्याप्त अनुसंधान आधार का अभाव :-

भारत में वर्त्तमान समय में समाज कार्य के क्षेत्र में जो भी अनुसंधान कार्य किये जा रहे हैं तथा जो भी कार्य हो रहे हैं उसकी उपयोगिता पर संशय है और गुणवत्ता का आभाव हैं।

क्षेत्रीय कार्य में ननीनता का अभाव :-

भारत में समाज कार्य शिक्षा में समाज कार्य की अध्ययन कक्ष की शिक्षा और क्षेत्रीय कार्य के बीच तालमेल की कमी है जिससे क्षेत्रीय कार्य में नवीनता का अभाव हुआ है।

आम लोगों की पहुंच से बाहर :-

भारत में वर्तमान समय समाज कार्य गाँव व छोटे शहरो तक पर्याप्त रूप से नहीं पहुच पाया है।

संक्षिप्त विवरण :-

मौजूदा समय में समाज कार्य व्यवसाय के समक्ष बहुत से समस्याए व चुनौतियां है। समाज कार्य व्यवसाय को अपनी परिस्थिति और व्‍यावसायिक विशेषता को बनाये रखने के लिए पूर्ण प्रबन्ध करने होंगे। साथ ही समय के अनुरूप समाज कार्य की शिक्षा में आवश्यक परिवर्तन करने की आवश्यकता है, और समाज कार्य की विधियों व तकनीकियों को प्रयोग करते हुए क्षेत्रीय कार्य अभ्यास में नवीनता लायी जाये और गुणवत्ता उन्मुख अनुसंधान कार्य को प्रेरित किया जाये।

FAQ

समाज कार्य व्यवसाय के सामने क्या चुनौतियाँ हैं ?

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Hi, I Am Social Worker इस ब्लॉग का उद्देश्य छात्रों को सरल शब्दों में और आसानी से अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है।

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