जनसंख्या वृद्धि क्या है? jansankhya vriddhi kya hai
भारत में जनसंख्या वृद्धि बहुत तेजी से हो रही है। यदि इसे जल्द ही नियंत्रित नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
भारत में जनसंख्या वृद्धि बहुत तेजी से हो रही है। यदि इसे जल्द ही नियंत्रित नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
खाद्यान्नों के भण्डारण एवं वितरण की नीति को क्रियान्वित करने के लिए एक प्रणाली का जन्म हुआ, जिसे हम सार्वजनिक वितरण प्रणाली कहते हैं।
उचित आहार नियोजन द्वारा, परिवार के सभी सदस्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए, उन सभी को संतुलित आहार प्रदान किया जा सकता है।
प्रोटीन, वसा, और कार्बोहाइड्रेट की तरह विटामिन भी भोजन में लेना बहुत जरूरी है। विटामिन वे पोषक तत्व हैं जिनकी बहुत कम मात्रा शरीर के लिए आवश्यक होती है।
आहार के अकार्बनिक घटक जो शरीर में चयापचय क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं, खनिज लवण कहलाते हैं। खनिज लवण से ऊर्जा प्राप्त नहीं होती है।
शरीर में जल के कार्य संतुलन और विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं के सुचारू संचालन के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण है।
मक्खन, घी, तेल तथा अन्य खाद्य पदार्थ जो प्रत्यक्ष रूप में वसा प्रतीत होते हैं उनमें वसा होती है। वसा हमारे आहार में दृश्य और अदृश्य दोनों रूपों में पाई जाती है।
कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने होते हैं और शरीर के लिए ऊर्जा (ईघन) का प्रमुख स्रोत हैं। आहार कार्बोहाइड्रेट स्टार्च और शर्करा हैं।
प्रोटीन नाम पहली बार 1938 में वैज्ञानिक मुल्डर द्वारा प्रस्तावित किया गया था। यह शब्द ग्रीक शब्द 'प्रोटिओस' से निकला है जिसका अर्थ है 'पहले आना'।
संतुलित आहार व्यक्ति को स्वस्थ रखता है और दीर्घायु प्रदान करता है। संतुलित आहार व्यक्ति के शरीर का उचित वजन और अच्छी स्वास्थ्य स्थिति बनाए रखता है।
मानव जीवन को कायम रखने के लिए भोजन आवश्यक है। मनुष्य जो भी भोजन करता है उसमें विभिन्न पोषक तत्व पाए जाते हैं जो मानव शरीर को पोषण देते हैं।
कुपोषण पोषण की एक ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति के स्वास्थ्य में गिरावट का कारण बनती है। यह एक या अधिक तत्वों की कमी या अधिकता या असंतुलन के कारण होता है