प्रस्तावना :-
सामाजिक सर्वेक्षण क्यों आयोजित किए जाते हैं? सामाजिक सर्वेक्षण के उद्देश्य क्या है? इस के सम्बन्ध में अलग-अलग विद्वानों ने सामाजिक सर्वेक्षण के विविध उद्देश्यों का उल्लेख किया है। किसी सर्वेक्षण का उद्देश्य ज्ञान का संग्रह करना होता है तो कभी इसका उद्देश्य किसी समस्या से सम्बन्धित कारणों से परिचित होना होता है। कुछ सर्वेक्षण एक विशेष समस्या का समाधान ढूँढने के लिए किए जाते हैं तो किसी और सर्वेक्षण का उद्देश्य कल्याण कार्यक्रमों को प्रभावपूर्ण बनाना होता है।
सामाजिक सर्वेक्षण के उद्देश्य :-
- सामाजिक तथ्यों का संकलन
- सामाजिक घटनाओं का अध्ययन
- सामाजिक समस्याओं का समाधान
- सामाजिक घटनाओं की व्याख्या
- कार्य-कारण सम्बन्ध का ज्ञान
- परिकल्पना का निर्माण तथा परीक्षा
- सामाजिक सिद्धान्तों का सत्यापन
- विकास कार्यक्रमों के प्रभाव का मूल्यांकन
- जनमत का पूर्वानुमान
सामाजिक तथ्यों का संकलन :-
सामाजिक सर्वेक्षण का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य किसी विशेष घटना,समस्या या सम्बन्धित तथ्यों का एकत्रण करना है। यह कार्य सरकारी और गैर-सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में किया जाता है। सामाजिक सर्वेक्षण का आधारभूत उद्देश्य तथ्यों के संकलन द्वारा किसी समस्या या विषय के वास्तविक रूप को सुस्पष्ट करना होता है।
सामाजिक घटनाओं का अध्ययन :-
सामाजिक सर्वेक्षण का एक उद्देश्य समाज में व्याप्त सामाजिक समस्याओं का अध्ययन करना है। वास्तविकता में कोई भी समाज ऐसा नहीं होता जिसमें कम या अधिक सीमा तक कुछ न कुछ समस्याएं न पाई जाती हों। सामाजिक सर्वेक्षण का उद्देश्य इन समस्याओं की प्रकृति, सीमा एवं कारणों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य को एकत्रित करना और उनके आधार पर समस्याओं के समाधान के उपाय ढूंढना है।
सामाजिक समस्याओं का समाधान :-
सर्वेक्षण का उद्देश्य उपयोगी सूचनाओं को एकत्रित करना होता है जिनकी मदत से सामाजिक समस्याओं का निराकरण किया जा सके। इस कार्य के लिए सर्वेक्षणकर्ता किसी विशेष क्षेत्र से सम्बन्धित लोगों की व्यवहार को ज्ञात करता है तथा उसके बाद उनके द्वारा दिये गये सुझावों का वर्गीकरण करके उनके आधार पर सुधार कार्यक्रम प्रस्तुत करता है।
सामाजिक घटनाओं की व्याख्या :-
हकीकत यह है कि कभी -कभी सर्वेक्षण किसी विशेष उद्देश्य से सम्बन्धित न होकर केवल किसी सामाजिक घटना के वर्णन के लिए ही किया जाता है।
कार्य-कारण सम्बन्ध का ज्ञान :-
प्रत्येक घटना का कोई न कोई कारण अवश्य होता है। इस नजरिए से सामाजिक सर्वेक्षण का एक प्रमुख उद्देश्य अनेक सामाजिक घटनाओं या परिस्थितियों के लिए उत्तरदायी कारणों की पता लगान होता है। असल में कोई भी सामान्य घटना आकस्मिक नहीं होती बल्कि उसमें एक नियमितता एवं श्रृंखलाबद्धता पायी जाती है। सर्वेक्षण का उद्देश्य इसी नियमितता को जानने के किसी विशेष घटना के मूल कारण को ज्ञात करना एवं उसके प्रभाव को देखना होता है।
परिकल्पना का निर्माण तथा परीक्षा :-
आम तौर पर किसी अध्ययन के लिए परिकल्पनाओं का निर्माण सामान्य ज्ञान के द्वारा ही कर लिया जाता है। सामान्य ज्ञान पर आधारित वह परिकल्पना सत्य है या नहीं, इसका जाँच सर्वेक्षण द्वारा एकत्रित तथ्यों की सहायता से ही किया जा सकता है | इसलिए परिकल्पनाओं की परीक्षा करना सामाजिक सर्वेक्षण का प्रमुख उद्देश्य है।
सामाजिक सिद्धान्तों का सत्यापन :-
सामाजिक सिद्धान्त विभिन्न सामाजिक घटनाओं के अध्ययनों पर आधारित सामान्य निष्कर्ष होते हैं। सामाजिक घटनाओं की प्रकृति परिवर्तनशील होने के कारण इन सिद्धान्तों में भी परिवर्तन होते रहने की सम्भावना बनी रहती है।
यही वजह है कि प्राचीन काल में या कुछ समय पहले तक अनेक सामाजिक घटनाओं के आधार पर जिन सिद्धान्तों का व्याख्या किया गया था। वे वर्तमान की हालात में अक्सर उपयुक्त प्रतीत नहीं होती। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक हो जाता है कि वर्तमान सामाजिक दशाओं का सर्वेक्षण करके यह ज्ञात किया जाये कि पूर्व में प्रस्तुत किये गये सिद्धान्त अब किस सीमा तक सही या गलत हैं। इसी कार्य को सामाजिक सिद्धान्तों का सत्यापन करना कहते हैं।
विकास कार्यक्रमों के प्रभाव का मूल्यांकन :-
आज के समय में सामाजिक सर्वेक्षण का यह उद्देश्य अत्यधिक महत्वपूर्ण समझा जाने लगा है। समाज कल्याण तथा नियोजित परिवर्तन के वर्तमान युग में आज सभी सरकारें अलह-अलग विकास कार्यक्रमों के द्वारा लोगों के जीवन-स्तर में सुधार लाने का प्रयत्न कर रही है। इन कार्यक्रमों के प्रभाव का मूल्यांकन से आगे की दिशा निर्धारित किया जाता है।
जनमत का पूर्वानुमान :-
सामाजिक सर्वेक्षण का एक प्रमुख उद्देश्य किसी विशेष व्यवहार या घटना का पूर्वानुमान करना भी है।
FAQ
सामाजिक सर्वेक्षण के उद्देश्य लिखिए ?
- सामाजिक तथ्यों का संकलन
- सामाजिक घटनाओं का अध्ययन
- सामाजिक समस्याओं का समाधान
- सामाजिक घटनाओं की व्याख्या
- कार्य-कारण सम्बन्ध का ज्ञान
- परिकल्पना का निर्माण तथा परीक्षा
- सामाजिक सिद्धान्तों का सत्यापन
- विकास कार्यक्रमों के प्रभाव का मूल्यांकन
- जनमत का पूर्वानुमान