सामाजिक सर्वेक्षण क्या है सामाजिक सर्वेक्षण की विशेषताएं

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  • Post last modified:अक्टूबर 30, 2023

प्रस्तावना  :-

मानव समाज में सामाजिक सर्वेक्षण का इतिहास अत्यंत प्राचीन है, मानव अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति के कारण हमेशा से ही अपने चारों ओर की घटनाओं के बीच करणीय संबंध के सम्बन्ध को खेजने का प्रयास करता रहा है। सर्वेक्षण के द्वारा हमें किसी क्षेत्र विशेष के किसी समस्या विशेष पर वास्तविक और प्रमाणिक आंकडे  प्राप्त हो जाते हैं इसलिए, समाज विज्ञान के विषयों में सर्वेक्षण का विशेष महत्व है।

सामाजिक सर्वेक्षण का अर्थ :-

‘सर्वेक्षण’ शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द Survey का हिन्दी रूपान्तरण है। Survey शब्द दो अलग-अलग स्थानों के शब्दों से मिल कर बना है – १ शब्द surveier यह फ्रेन्च भाषा है, और २ शब्द supervidere जो लैटिन है, इन दोनों शब्दों का अर्थ क्रम से  ऊपर व देखना है। इस प्रकार सर्वे का शाब्दिक अर्थ किसी घटना को ऊपर से देखकर या उसका अवलोकन करना है। वर्तमान समय में सर्वेक्षण के केवल इसी अर्थ को पर्याप्त नहीं समझा जाता, बल्कि एक प्रणाली के रूप में स्पष्ट किया गया है।

आज सर्वेक्षण का आशय एक ऐसी अनुसन्धान पद्धति से है जिसके अन्तर्गत शोधकर्ता अनुसंधान से सम्बन्धित इकाइयों का स्वयं अवलोकन करता है और भेदभाव रहित ढंग से तथ्यों को एकत्रित करके सामान्य निष्कर्ष प्रस्तुत करता है, इस के आधार पर यह कहा गया है कि ”यथार्थ सूचना प्राप्त करने के लिये किया गया आलोचनात्मक अवलोकन ही सामाजिक सर्वेक्षण है।”

सामाजिक सर्वेक्षण की परिभाषा :-

सामाजिक सर्वेक्षण को और भी स्पष्ट करने के लिए कुछ प्रमुख विद्वानों की परिभाषाओं का उल्लेख कर सकते हैं –

“विस्तृत अर्थ में सामाजिक सर्वेक्षण किसी समुदाय के सदस्यों के जीवन और  कार्य की दशाओं के सम्बन्ध में सांख्यिकी का संकलन करना है।”

ई. एस. बोगार्ड्स

“सामाजिक सर्वेक्षण एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक समुदाय की बनावट और क्रियाओं के सामाजिक पक्ष के सम्बन्ध में संख्यात्मक तथ्य संकलित किये जाते हैं।”

मार्क अब्राम्स

“सामाजिक सर्वेक्षण सामान्यतः किसी समूह के सदस्यों की रचना, क्रियाकलापों तथा रहन सहन की दशाओं के सम्बन्ध में जाँच पड़ताल करना है।”

सिन पाओ यंग

“सामाजिक सर्वेक्षण का स्पष्ट उद्देश्य किसी विशेष सामाजिक परिस्थित, समस्या या जनसंख्या का व्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण करने की एक पद्धति है।”

मोर्स

सामाजिक सर्वेक्षण की विशेषताएँ :-

  • सामाजिक सर्वेक्षण सामाजिक अनुसंधान की एक तकनीक है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण एक वैज्ञानिक पद्धति है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण का उद्देश्य सामान्य सामाजिक घटनाओं का अध्ययन करना है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण तथ्यों और सांख्यिकी के संग्रहण के लिये प्रविधियों, उपकरणों व  विधियों के प्रयोग से सम्बन्धित है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण हमेशा एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र तक ही सीमित होता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण के तहत किसी भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्तियों या उनका प्रतिनिधित्व कर सकने योग्य अनुदेश से सांख्यिकी का संग्रह किया जाता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण के अन्तर्गत केवल मात्रात्मक सांख्यिकीय का ही सर्वेक्षण नहीं किया जाता है। गुणात्मक तथ्यों का संकलन भी किया जा सकता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण का अध्ययन क्षेत्र विस्तृत होता है कि कोई अकेले ही सम्पूर्ण अध्ययन कठिनता से कर सकता है,यह एक सहकारी प्रक्रिया होती है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण के तहत अध्ययन के परिमाणात्मक पक्ष पर अधिक बल दिया जाता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण केवल तथ्य पूर्ण ही नहीं होता, साथ ही यह  उपयोग के दृष्टिकोण से यह रचनात्मक भी होता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण के अन्तर्गत तथ्यों का मात्र संग्रह ही नहीं किया जाता बल्कि सामाजिक जागरूकता में भी वृद्धि की जाती है।

सामाजिक सर्वेक्षण की सीमायें :-

सर्वेक्षण सर्वेक्षण पद्धति के भी अपने कुछ कमी व सीमायें हैं जो  निम्नलिखित है :-

  • सामाजिक सर्वेक्षण के अन्तर्गत अध्ययन की जाने वाली समस्याओं और घटनाओं का क्षेत्र बहुत सीमित होता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण के माध्यम से मात्र उन्हीं घटनाओं का अध्ययन सम्भव है जो मूर्त अथवा स्थूल प्रकृति की हों।
  • सर्वेक्षण द्वारा केवल वर्तमान सामाजिक घटनाओं या समस्याओं का ही अध्ययन किया जा सकता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण में अधिक समय लगने के साथ ही यह बहुत महंगा भी होता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण द्वारा एकत्रित तथ्य हमेशा विश्वसनीय नही होते| इसका वजह यह है कि सर्वेक्षण ज्यादातर अपने विचारों, अनुभवों तथा व्यक्तिगत पक्षपात से प्रभावित होकर घटना को वास्तविक रूप में नहीं देखता बल्कि मनमाने रूप से प्रस्तुत कर देता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण एक सहकारी कोशिश है जिसमें कई कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होती है।
  •  सर्वेक्षण को केवल तभी सफल बनाया जा सकता है जब इससे सम्बन्धित कार्यकर्ता प्रशिक्षित हों।
  • सर्वेक्षण से सम्बन्धित अधिकांश अध्ययन पूर्व नियोजित नहीं होते परिणामस्वरूप इनके आधार पर दिये गये निष्कर्षो से सिद्धान्तों का निर्माण नहीं हो पाता।

सामाजिक सर्वेक्षण की प्रकृति :-

सर्वेक्षण प्रमुख रूप से अनुसंधान की अलग विधि न होकर आंकडों के संकलन की एक प्रविधि है। इसके अन्तर्गत अनुसंधान की अनेक विधियों का सम्मिश्रण होता है,और  प्रमाणिकता तथा वैज्ञानिकता का महत्व होने के कारण इसे एक विधि माना गया है।

सामाजिक सर्वेक्षण
SOCIAL SURVEY

संक्षिप्त विवरण :-

सामाजिक सर्वेक्षण सामाजिक अनुसन्धान की एक ऐसी विशेष शाखा है जो काफी बडी संख्या में व्यक्तियों के विश्वासों, विचारधाराओं, मनोवृत्तियों, सम्प्रेरणाओं और व्यवहारों, इन्हें प्रभावित करने वाले विभिन्‍न कारकों तथा इनके पारस्परिक सम्बन्धों का बहुमुखी सांख्कीय विश्लेषण और विवेचन करने के लिये आवश्यक तथ्यों को एकत्रित करती है।

FAQ

सामाजिक सर्वेक्षण से आप क्‍या समझते हैं ?

सामाजिक सर्वेक्षण में सर्वेक्षणकर्ता की भूमिका क्या है ?

social worker

Hi, I Am Social Worker इस ब्लॉग का उद्देश्य छात्रों को सरल शब्दों में और आसानी से अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है।

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