सामाजिक अनुसंधान तथा सामाजिक सर्वेक्षण में अन्तर

सामाजिक अनुसंधान तथा सामाजिक सर्वेक्षण में अन्तर निम्नलिखित है –

  • सामाजिक सर्वेक्षण का अध्ययन क्षेत्र सामाजिक अनुसंधान की तुलना में अधिक विस्तृत है।
  • सामाजिक अनुसंधान के तहत सदैव परिकल्पना के आधार पर अध्ययन कार्य किया जाता है। और सामाजिक सर्वेक्षण के लिये किसी परिकल्पना का निर्माण करना ज़रूरी नहीं होता है।
  • सामजिक सर्वेक्षण का उद्देश्य तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति और विशेष समय में प्राप्त ज्ञान का उपयोग से होता है। इस तरह इसका स्वभाव व्यावहारिक होता है जबकि सामाजिक अनुसंधान का उद्देश्य दीर्घकालीन और विस्तृत क्षेत्र का शोध करना होता है।
  • सामाजिक सर्वेक्षण का उद्देश्य मनुष्य के जीवन में सुधार करना और उसकी उन्नति के मार्ग की अवरोधों का पता लगाकर उन्हें दूर.करना होता है। इस प्रकार से यह उपयोगितावादी होता है। जबकि सामाजिक अनुसंधान का उद्देश्य मानव की वृद्धि और अनुसंधान की प्रक्रियाओं में सुधार करना है, इसलिए  यह वैधानिक होता है।
  • सामाजिक अनुसंधान का मूल उद्देश्य सैद्धान्तिक या शैक्षणिक होता है। यह आवश्यक है कि सामाजिक अनुसंधान के दोनों उद्देश्य हैं- सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक। जब कि सामाजिक अनुसंधानकर्ता का कोई सम्बन्ध न तो व्यावहारिक समस्याओं से है और न ही तात्कालिक सामाजिक नियोजन अथवा सामाजिक सुधारों से।

FAQ

सामाजिक अनुसंधान तथा सामाजिक सर्वेक्षण में क्या अन्तर है?

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Hi, I Am Social Worker इस ब्लॉग का उद्देश्य छात्रों को सरल शब्दों में और आसानी से अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है।

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