समाज सेवा क्या है? social service

प्रस्तावना :-

समाज सेवा एक बहुत व्यापक अवधारणा है। समाज को सामान्य स्तर से ऊपर उठाने के सन्दर्भ में किये गये कार्य को समाज सेवा समझा जाता है। सामाजिक सेवाओं में समाज कार्य का अभ्यास किया जाता है।

समाज सेवा का अर्थ :-

समाज सेवा शब्द का अर्थ स्वैच्छिक सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किसी व्यक्ति या समूह की जरूरतों को पूरा करना है। समाज सेवा के अंतर्गत न तो आवश्यकताओं का विधिवत अध्ययन किया जाता है, न साधनों पर विचार किया जाता है और न ही इस प्रकार की क्रिया से व्यक्ति की इस प्रकार सहायता की जाती है कि वह अपनी सहायता स्वयं कर सके।

समाज सेवा से अभिप्राय किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की स्वेच्छा से की गई सेवा से है, जो केवल सेवा की भावना से की जाती है। इसमें न तो किसी पद्धति का प्रयोग किया जाता है और न ही समाजसेवक को किसी भी रूप में प्रशिक्षित किये जाने की महत्ता है अर्थात् समाज सेवा स्वयंसेवा और मानव सेवा की भावना से ही प्रदान की जाती है।

समाज सेवा के उदाहरण :-

उदाहरण के लिए आग की लपटों में जलती हुई इमारत में फंसे लोगों को बचाने या सूखे इलाके में खाने-पीने की व्यवस्था करने या सड़क पर चलने वाले किसी नेत्रहीन या विकलांग व्यक्ति को गंतव्य तक पहुँचाने की प्रक्रिया को समाज सेवा के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।

समाज सेवा की परिभाषा :-

समाज सेवा को और भी स्पष्ट करने के लिए कुछ प्रमुख विद्वानों की परिभाषाओं का उल्लेख कर सकते हैं –

“वे संगठित कार्य जो प्रत्यक्ष रूप से प्रथाओं या रूढ़ियों से संबंधित हैं और जो मानव साधनों की रक्षा और उन्नति के लिए कार्य करते हैं, समाज सेवा है।”

हेरी० एम० केसिडी

“समाज कल्याण का अर्थ साधारण समाज सेवा जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से भिन्न है। समाज कल्याण के विशिष्ट कार्य में समाज के दुर्बल विभागों को मदद और लाभ पहुंचाने के अलावा, शिशुओं, महिलाओं और अंगभंगो, मंदबुद्धि मनुष्यों और इसी प्रकार के अन्य व्यक्तियों के लिए की गई सेवाएँ भी शामिल हैं।”

श्रीमती दुर्गाबाई देशमुख

समाज सेवा की विशेषताएं :-

कैसिडी ने समाज सेवाओं के सन्दर्भ में अपने विचार निम्न रूप में व्यक्त किये हैं –

  • समाज सेवा समाज द्वारा अपने सदस्यों की सुरक्षा और मानव संसाधनों के विकास के संबंध में प्रदान की जाने वाली सेवाएं हैं।
  • समाज सेवाओं के अन्तर्गत सेवा एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति की सेवा भावना से प्रेरित होकर अपनी इच्छा से प्रदान की जाती है।
  • समाज सेवाओं के लिए न तो किसी प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और न ही किसी विधि की, अपितु समाज सेवा करने वाले व्यक्ति के मन में मानव सेवा का भाव भरा होता है और सेवा का भाव अपने आप आ जाता है।
  • सामाजिक सेवाओं में मानव संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक सहायता, बीमा, मानसिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, बाल कल्याण, सुधारक मनोरंजन, आवास और श्रम संरक्षण के लिए मान्यता प्रदान का आह्वान किया।
  • आम तौर पर, सामाजिक सेवाओं में ऐसी सेवाएँ शामिल होती हैं जो पूरी आबादी की क्षमताओं और कौशल को बनाए रखने और विकसित करने और आर्थिक और सामाजिक कल्याण के सामान्य स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक होती हैं।

संक्षिप्त विवरण :-

समाज सेवाएँ समाज द्वारा अपने सदस्यों की सुरक्षा और मानव संसाधनों के विकास के संदर्भ में प्रदान की जाने वाली सेवाएँ हैं। इनमें सामाजिक सहायता, सामाजिक बीमा, बाल कल्याण, अपराधियों का सुधार, मानसिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन, श्रमिकों की सुरक्षा और घर और निवास संबंधी कार्य शामिल हैं।

FAQ

समाज सेवा किसे कहते हैं?

समाज सेवा की विशेषताएं क्या है?

social worker

Hi, I Am Social Worker इस ब्लॉग का उद्देश्य छात्रों को सरल शब्दों में और आसानी से अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है।

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