ग्रामीण समुदाय और नगरीय समुदाय में अन्तर बताइए?

ग्रामीण समुदाय और नगरीय समुदाय में अन्तर :-

ग्रामीण समुदाय और नगरीय समुदाय में अन्तर विभिन्न परिभाषाओं और विशेषताओं से स्पष्ट है कि दोनों के बीच प्रचलित समानता के बावजूद, दोनों के बीच बहुत अंतर है, जिसे निम्नलिखित तरीके से व्यक्त किया जा सकता है:-

  • ग्रामीण समुदाय में संयुक्त परिवार होता है और परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक होती है, जबकि नगरीय समुदाय में एकाकी परिवार का बाहुल्य होता है और परिवार में सदस्यों की संख्या कम होती है।
  • ग्रामीण समुदाय में पारिवारिक प्रथाओं, रीति-रिवाजों और मूल्यों और परंपराओं द्वारा सामाजिक नियंत्रण स्थापित किया जाता है। जबकि नगरीय समुदायों में सामाजिक नियंत्रण कानूनों द्वारा होता है।
  • ग्रामीण समुदाय में सदस्यों का जीवन संयमित और नियंत्रित होता है। जबकि नगरीय समुदाय में लोगों के गुमराह होने की संभावना अधिक होती है।
  • ग्रामीण समुदाय में प्राथमिक समूह महत्वपूर्ण होते हैं और सदस्यों के बीच संबंध अनौपचारिक होते हैं। जबकि नगरीय समुदाय में द्वितीयक समूह महत्वपूर्ण होते हैं और सदस्यों के बीच औपचारिक संबंधों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • ग्रामीण समुदाय में आमतौर पर रूढ़िवादिता पर जोर दिया जाता है। जबकि नगरीय समुदाय में लोग रूढ़ियों और सामाजिक परंपराओं से अपेक्षाकृत कम प्रभावित होते हैं।
  • ग्रामीण सदस्यों का जीवन सादा, ईमानदार और सरल होता है। जबकि नगरीय समुदाय में बनावट, जटिलता और चालाकी अधिक पाई जाती है।
  • ग्रामीण समुदायों में घनिष्ठता, स्थिरता, सहयोग और अपरिवर्तनीयता पाई जाती है। जबकि नगरीय समुदाय में जटिलता, व्यस्तता, औपचारिकता और परिवर्तनशीलता पाई जाती है।
  • ग्रामीण समुदाय में कृषि ही एकमात्र प्रमुख व्यवसाय है। जबकि नगरीय समुदाय में विभिन्न व्यवसाय हैं।
  • ग्रामीण समुदायों में भाग्य, सहनशीलता और अंधविश्वास अधिक पाया जाता है। जबकि नगरीय समुदाय में उनकी मेहनत और कर्तव्य पर अधिक विश्वास होता है।
  • ग्रामीण समुदाय में सांस्कृतिक एकरूपता पायी जाती है, जबकि नगरीय समुदाय में अनेक संस्कृतियाँ पायी जाती हैं, अर्थात् सांस्कृतिक भिन्नताएँ पायी जाती हैं।
  • सामुदायिक भावना ग्रामीण समुदाय के सदस्यों में पाई जाती है। जबकि नगरीय समुदाय में व्यक्तिगत भावना का बोलबाला है।

FAQ

ग्रामीण समुदाय और नगरीय समुदाय में क्या अंतर है?

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