समाज और समिति में अंतर :-
समाज और समिति दोनों अलग-अलग अवधारणाएँ हैं। समाज व्यक्तियों में पाए जाने वाले सामाजिक संबंधों का ताना-बाना या जाल है। चूंकि सामाजिक संबंध अमूर्त होते हैं, इसलिए समाज भी अमूर्त होता है। एक समिति एक निश्चित उद्देश्य या उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों द्वारा बनाई गई एक मूर्त संस्था है। समाज और समिति में अंतर इस प्रकार हैं:
- समाज एक साध्य है। समिति एक साधन है।
- समाज की प्रकृति अधिकतर स्थायी होती है। समिति पूरी तरह अस्थायी है।
- समानता और भिन्नता दोनों ही समाज में पाई जाती है। कमेटी में सिर्फ समानता है।
- समाज का विकास अपने आप होता है। कमेटी का गठन सोच-समझकर किया गया है।
- समाज में संगठन और विघटन दोनों पाए जाते हैं। संगठन पूरी तरह से संगठन पाया जाता है।
- एक व्यक्ति एक समय में एक ही समाज का सदस्य हो सकता है। एक व्यक्ति एक समय में कई समितियों का सदस्य हो सकता है।
- समाज में सहयोग और संघर्ष का मिश्रित प्रवाह है। समिति का आधार सहयोग है। इसलिए समिति में पूरा सहयोग मिलता है।
- सामाजिक संबंधों का जाल होने के नाते समाज एक अमूर्त अवधारणा है। व्यक्तियों का एक समूह होने के नाते, समिति एक मूर्त अवधारणा है।
- समाज व्यक्तियों के बीच विद्यमान सामाजिक संबंधों का जाल है। समिति सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बनाए गए व्यक्तियों का एक समूह है।
- समाज की सदस्यता वैकल्पिक नहीं बल्कि अनिवार्य है। मनुष्य जन्म से ही किसी न किसी समाज का सदस्य होता है। समिति की सदस्यता अनिवार्य नहीं बल्कि वैकल्पिक है।