प्रस्तावना :-
परामर्श का अर्थ और परिभाषाएँ कई विद्वानों द्वारा बताई गई हैं, उन्होंने परामर्श को समझाने के लिए विभिन्न तत्वों का सहारा लिया है। उनके द्वारा अपने मत के अनुसार परामर्श की विशेषताएं का वर्णन किया गया है।
अनुक्रम :-
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- प्रस्तावना :-
- परामर्श की विशेषताएं :-
- पैटरसन के अनुसार –
- स्मिथ के अनुसार –
- हान और मैकलीन के अनुसार –
- पैरे के अनुसार –
- पेपिन स्काई और पेपिन स्काई के अनुसार –
- अरबूबले के अनुसार –
- रेन के अनुसार परामर्श की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
- जेम्स मिचैल ली तथा नाथनियल जे पैर के अनुसार परामर्श की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
- रोजर्स के अनुसार परामर्श की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
- मेरले तथा आलसेन के अनुसार परामर्श की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
- सम्पूर्ण विद्वानों की परामर्श की विसेश्ताओ का विश्छेषण करने के बाद यह कहा जा सकता है :-
- FAQ
परामर्श की विशेषताएं :-
विभिन विद्वानों के द्वारा निम्नलिखित परामर्श की विशेषताएं का उल्लेख किया है :-
पैटरसन के अनुसार –
- परामर्श प्रक्रिया में, एक उपचारक होता है और दूसरा सेवार्थी होता है, जो सहायता के लिए चिकित्सक के पास आता है।
- परामर्श पारस्परिक संबंधों की प्रक्रिया है।
- उपचारकर्ता को मानव व्यवहार का पूरा ज्ञान होता है और इसके आधार पर वह सेवार्थी के व्यक्तित्व की पहचान करता है।
- उपचारक का मुख्य उद्देश्य सेवार्थी के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करना है।
- इस काम के लिए वह मनोचिकित्सा और मनोविज्ञान का उपयोग करते हैं।
स्मिथ के अनुसार –
- परामर्श एक प्रक्रिया है अर्थात् यह सदैव विद्यमान रहती है, जिसके माध्यम से व्यक्ति की समस्या का विश्लेषण, चर्चा तथा समाधान किया जाता है।
- परामर्श पद्धति के माध्यम से परामर्शदाता परामर्शद अभ्यर्थी की रुचि को जानता है, समस्या को समझता है, समस्या की प्रकृति को जानता है तथा स्थिति को समझता है तथा समस्या के समाधान के उपाय सुझाता है।
- परामर्शदाता सलाह या सलाह थोपता नहीं है, बल्कि यह परामर्शदाता की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह परामर्श को पूर्ण, आधा-अधूरा या बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करता है।
हान और मैकलीन के अनुसार –
- सेवार्थी संबंध स्थापित करने का कारण कोई न कोई समस्या ही होती है।
- सलाहकार एक पेशेवर व्यक्ति होता है, इसलिए वह परामर्श देने की कला में निपुण होता है, उसे इसमें प्रशिक्षित किया जाता है।
- परामर्श से तात्पर्य एक या अधिक रिश्तों से है।
- जो व्यक्ति सहायता मांगता है वह स्वयं को उस समस्या का समाधान करने में असमर्थ पाता है।
- परामर्श का उद्देश्य व्यक्तिगत कठिनाइयों का समाधान करना है।
पैरे के अनुसार –
- परामर्श अंतःक्रिया की एक प्रक्रिया है।
- इस प्रक्रिया का उद्देश्य परामर्शदाता और परामर्शदाता के बीच संबंध स्थापित करना है।
- परामर्श की आवश्यकता तभी होती है जब वह किसी समस्या या समस्या से ग्रस्त हो और स्वयं उनका समाधान करने में सक्षम न हो।
- परामर्शदाता सेवार्थी को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित होता है।
पेपिन स्काई और पेपिन स्काई के अनुसार –
- परामर्श एक ऐसी अंतक्रिया है जो व्यक्तियों के बीच होती है।
- इन दो व्यक्तियों में से एक परामर्शदाता होता है जिसके पास परामर्श देने की पेशेवर क्षमता और योग्यता होती है और दूसरा व्यक्ति जो परामर्श चाहता है वह किसी ऐसी समस्या से पीड़ित होता है जिसका समाधान और उपचार उसके पास नहीं होता है, इसलिए उसे ग्राहक कहा जाता है।
- किसी संस्था द्वारा कंसल्टेंसी का कार्य संभव है।
- परामर्श का मुख्य लक्ष्य सेवार्थी के व्यवहार में परिवर्तन लाना है, ताकि वह समस्या के कारणों को समझकर उसका समाधान कर सके।
अरबूबले के अनुसार –
- काउंसलिंग के माध्यम से व्यक्ति को अपने बारे में जानकारी मिलती है।
- वह जानता है कि उसमें क्या गुण हैं और क्या नहीं, जिसके कारण वह समस्याग्रस्त है।
- परामर्श के माध्यम से उसे यह भी ज्ञान प्राप्त होता है कि वह किन कार्यों को आसानी से पूरा कर सकता है और किन कार्यों को नहीं कर सकता है।
रेन के अनुसार परामर्श की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
- परामर्श एक गतिशील और उद्देश्यपूर्ण सम्बन्धों को संदर्भित करता है। कंसल्टेंट जितना प्रोफेशनल होगा उतना ही वह क्लाइंट पर अपना प्रभाव डाल पाएगा और उसकी समस्याओं का समाधान करने में सफल होगा।
- परामर्श का सम्बन्ध किसी विशेष समस्या से होता है। एक सलाहकार का लक्ष्य किसी एक समस्या का विश्लेषण और समाधान करना है।
- परामर्श के कार्य में न केवल परामर्शदाता सोचता है और समाधान निकालता है, बल्कि सेवार्थी भी इसमें भागीदार होता है।
जेम्स मिचैल ली तथा नाथनियल जे पैर के अनुसार परामर्श की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
- परामर्श दो लोगों के आपस का संबंध है।
- इस प्रकार के रिश्ते में एक व्यक्ति दूसरे की मदद करता है।
- इस मदद का उद्देश्य दूसरे व्यक्ति को समायोजन और व्यवस्थित करने की कला सिखाना है ताकि उसका जीवन सुखद हो सके।
- परामर्श के माध्यम से अब सेवार्थी की सभी क्षमताओं का पूर्ण रूप से खुलासा करना संभव है।
- इसमें औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह के संबंध हो सकते हैं।
रोजर्स के अनुसार परामर्श की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
- परामर्श के माध्यम से सेवार्थी अपने मन को हल्का कर लेता है अर्थात अपना तनाव कम कर लेता है।
- परामर्शदाता की सहायता से सेवार्थी को अपनी क्षमता विकसित करने की सुविधा मिलती है।
- परामर्श का मुख्य उद्देश्य सेवार्थी के नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदलना है।
मेरले तथा आलसेन के अनुसार परामर्श की विशेषताएं निम्नलिखित हैं :-
- परामर्श का तात्पर्य एक स्वीकार्य एवं विश्वसनीय संबंध से है।
- इसके माध्यम से सेवार्थी अपनी चिंताओं, समस्याओं को काउंसलर के सामने रखता है।
- साथ ही वह अपने उद्देश्य भी बताते हैं कि ऐसा किस कारण से हुआ है.
- वह बताता है कि उसे किस प्रकार के सामाजिक कौशल की आवश्यकता है और किस प्रकार के आत्मविश्वास की आवश्यकता है ताकि वह अपनी समस्याओं का समाधान कर सके।
सम्पूर्ण विद्वानों की परामर्श की विसेश्ताओ का विश्छेषण करने के बाद यह कहा जा सकता है :-
- परामर्श में दो व्यक्ति हैं, एक सहायता चाहता है। और दूसरा पेशेवर रूप से प्रशिक्षित होने के कारण सहायता प्रदान करने में सक्षम है।
- परामर्शदाता मिलनसार होना चाहिए तथा सहयोग की भावना प्रबल होनी चाहिए।
- परामर्शदाता के प्राप्तकर्ता को परामर्शदाता पर भरोसा और विश्वास होना चाहिए।
- उम्मीद की जाती है कि दो लोगों के बीच संबंध का आधार आपसी स्वीकृति हो और दोनों इसका आदर और सम्मान करें।
- परामर्श के माध्यम से सेवार्थी की सहायता से उसकी क्षमताओं का पता लगाकर उनका पूर्ण उपयोग कराने का प्रयास किया जाता है।
- परामर्श के माध्यम से सेवार्थी में आत्मनिर्भरता और जिम्मेदारियों को पूरा करने की भावना विकसित की जाती है।
- परामर्श केवल सलाह नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से ग्राहक समस्या का रास्ता स्वयं ढूंढता है, परामर्शदाता केवल समाधान सुझाता है।
- काउंसलिंग के माध्यम से व्यक्ति में बदलाव लाया जाता है जिससे उसकी समस्या का समाधान संभव हो पाता है।
- हालाँकि परामर्श प्रक्रिया में जानकारी और वैकल्पिक ज्ञान महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भावनात्मक भावनाएँ हैं जिन पर यह प्रक्रिया निर्भर करती है।
- परामर्श में सलाहकार का ध्यान सेवा पर नहीं बल्कि केवल समस्या पर होता है।
- इसका संबंध मनोवृत्तियों में बदलाव से भी है।
FAQ
परामर्श की विशेषताएं लिखिए है ?
- परामर्श अंतर्क्रिया की एक प्रक्रिया है |
- परामर्श प्रक्रिया में एक उपचारक होता है एवं दूसरा सेवार्थी होता है |
- परामर्श लेने की जरूरत तभी ही होती है जब वह समस्या से ग्रस्त होता है |
- परामर्श एक स्वीकार और विश्वसनीय सम्बन्धों को दर्शाता है |
- इस कार्य के लिए मनोचिकित्सा एवं मनोविज्ञान का प्रयोग करता है |