जनरीति का अर्थ :-
जनरीति शब्द का प्रयोग पहली बार अमेरिकी प्रोफेसर ग्राहम सुमनेर ने 1906 में अपनी पुस्तक फोकवेज़ (Folkways) में किया था। ‘जनरीति’ शब्द अंग्रेजी शब्द ‘फोकवेज़’ का हिंदी रूपांतर है। ‘Folkways’ शब्द दो शब्दों के योग से बना है Folk + Ways जिसका क्रमशः अर्थ है जन या लोग या जनता और रीति-रिवाज या रीतियाँ यानी समाज में लोगों द्वारा अपनाए जाने वाले कार्य करने के तरीके या रीतियाँ । जनरीति को लोकरीति के नाम से भी पुकारा जाता है।
साहित्यिक दृष्टि से जनरीति का अर्थ लोगों द्वारा अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों से लिया जाता है, जिस प्रकार प्रत्येक समाज की संस्कृति और विचार भिन्न-भिन्न होते हैं, उसी प्रकार प्रत्येक समाज के जनरीति भी भिन्न-भिन्न होते हैं। मनुष्य अचेतन रूप में जनरीतियाँ का पालन करता है।
जनरीति की परिभाषा :-
जनरीति को और भी स्पष्ट करने के लिए कुछ प्रमुख विद्वानों की परिभाषाओं का उल्लेख कर सकते हैं –
“जनरीतियाँ समाज में मान्यता प्राप्त या स्वीकृत व्यवहार की प्रणालियाँ हैं।”
मैक़ाइवर व पेज
“जनरीतियाँ दैनिक जीवन के व्यवहार के वे प्रतिमान हैं जो अनियोजित होते हैं या बिना किसी तार्किक विचार के ही सामान्यतः समूह में अचेतन रूप में उत्पन्न होते हैं।”
गिलिन व गिलिन
“जनरीतियाँ कार्य करने के वे विधियाँ हैं जो एक समाज या समूह में समान रूप से पाए जाते हैं और जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित होते हैं।”
ग्रीन
जनरीति की विशेषताएं :-
- जनरीतियाँ अलिखित हैं, इसलिए वे कानून की तरह स्पष्ट नहीं हैं।
- जनरीतियाँ में व्यवस्था एवं समूह कल्याण की भावना निहित होती है।
- जनरीतियाँ समाज में व्यवहार के स्वीकृत एवं मान्यताप्राप्त विधियाँ हैं।
- एक समाज के जनरीतियाँ अक्सर दूसरे समाज के जनरीतियाँ से भिन्न होते हैं।
- जनरीतियाँ हमारे स्वभाव में इस तरह रच-बस गई हैं कि हम अनजाने में ही उनका पालन करते हैं।
- जनरीतियाँ मानव व्यवहार को नियंत्रित करते हैं और समाज के सभी सदस्यों के व्यवहार में एकरूपता पैदा करते हैं।
- जनरीतियाँ मनुष्य के लिए उपयोगी हैं। इन्हीं के आधार पर व्यक्ति सामाजिक मूल्यों एवं परिवेश के प्रति अपना अनुकूलन स्थापित करता है।
- जनरीतियाँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होती रहती हैं। प्रत्येक पीढ़ी के साथ उसके अपने अनुभव जुड़े होते हैं और उनमें परिपक्वता आती है।
- जनरीतियाँ स्वत: जन्म लेती हैं और उन्हें बार-बार दोहराने से उनका स्वरूप विकसित होता है। कानून के विपरीत, इन्हें किसी विधान सभा द्वारा नहीं बनाया जाता है।
- समाज में कुछ जनरीतियाँ को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और कुछ को कम महत्वपूर्ण माना जाता है।
- महत्वपूर्ण जनरीतियाँ के उल्लंघन की समाज में कड़ी निंदा की जाती है जबकि कम महत्वपूर्ण जनरीतियाँ के उल्लंघन की हल्की-फुल्की निंदा या आलोचना की जाती है।
FAQ
जनरीतियाँ क्या है?
जनरीतियाँ समाज में व्यवहार करने के सामान्य नियम हैं।
जनरीति का एक उदाहरण बताइये।
बड़ों का अभिवादन करना, गुरु के पैर छूना, जनरीति के कुछ उदाहरण हैं।