Sociology - study notes - Page 3

ग्रामीण और नगरीय समाज में अंतर स्पष्ट कीजिए?

परिस्थितिजन्य दृष्टि से ग्रामीण और शहरी समाज के बीच बहुत बड़ा अंतर है। ग्रामीण और नगरीय समाज में अंतर विभिन्न बिंदुओं के माध्यम से स्पष्ट किया जा सकता है-

ग्रामीण समाज क्या है? अर्थ,परिभाषा, विशेषताएं (gramin samaj)

ग्रामीण समाज के लोग विभिन्न लक्ष्यों को पूरा करते हुए एक निश्चित क्षेत्र में रहते हैं। कृषि इनका मुख्य व्यवसाय है। जनसंख्या का घनत्व कम है।

नगरीय समाज क्या है? नगरीय समाज की विशेषता (nagariya samaj)

नगरीय समाज ग्रामीण समुदाय की तरह ही छोटे समुदायों से बना है। नगरीय समाज के अंतर्गत हम विभिन्न शहरी समुदायों का निर्माण करते हैं तथा संगठनों का निर्माण करते हैं

पुरुषार्थ क्या है? पुरुषार्थ का अर्थ, पुरुषार्थ का महत्व

पुरुषार्थ मानवीय गुणों को इस तरह से जोड़ता है कि यह भौतिक सुख-सुविधाओं और आध्यात्मिक विकास के बीच एक विशेष संतुलन बनाने में मदद करता है।

आश्रम व्यवस्था क्या है? आश्रम के प्रकार (ashram vyavastha)

आश्रम व्यवस्था ने जीवन को चार स्तरों में विभाजित करके और प्रत्येक स्तर पर कर्तव्यों के पालन को निर्देशित करके मानव जीवन को व्यवस्थित किया है।

कर्म क्या है कर्म का अर्थ, कर्म के प्रकार, कर्म का महत्व

भारतीय सामाजिक संगठन की एक महत्वपूर्ण विशेषता या आधार कर्म का सिद्धांत है। इस सिद्धांत के अनुसार मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य "कर्म" करना है।