प्रतिवेदन किसे कहते हैं? प्रतिवेदन का अर्थ, prativedan
प्रतिवेदन किसी भी शोध कार्य को क्रियान्वित करने की अंतिम अवस्था होती है तथा इसमें शोध कार्य के अंतर्गत उन सभी बातों का उल्लेख होता है
प्रतिवेदन किसी भी शोध कार्य को क्रियान्वित करने की अंतिम अवस्था होती है तथा इसमें शोध कार्य के अंतर्गत उन सभी बातों का उल्लेख होता है
अध्ययन की सुविधा के लिए अवलोकन को कई भागों में विभाजित किया गया है। अवलोकन के प्रकार इस प्रकार हैं:- नियंत्रित अवलोकन, अनियंत्रित अवलोकन, सहभागी अवलोकन, असहभागी
सृष्टि के आदिकाल से लेकर आज तक मनुष्य अपने जिज्ञासु स्वभाव के कारण अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए अवलोकन विधि का सहारा लेता रहा है।
इस पृष्ठभूमि में यह आवश्यक प्रतीत होता है कि वैयक्तिक अध्ययन के चरण और सोपानों को समझना आवश्यक है ताकि इस पद्धति का व्यवस्थित रूप से उपयोग किया जा सके।
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति सामाजिक अनुसंधान में तथ्य संकलन की एक महत्वपूर्ण विधि है। इसका उपयोग कई दशकों से विभिन्न सामाजिक विज्ञानों में किया जाता रहा है।
साक्षात्कार निर्देशिका एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा अन्य विधियों की तुलना में अधिक गहन एवं गुणात्मक सूचनाओं के संकलन में सहायता मिलती है।
साक्षात्कार की प्रक्रिया को एक निश्चित तरीके से करना होता है और यदि इसे सोच-समझकर नहीं किया गया तो शोधकर्ता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
साक्षात्कार को कई भागों में बांटा गया है। यह वर्गीकरण सुविधा की दृष्टि से साक्षात्कार के प्रकार निम्नलिखित है:- उद्देश्यों के आधार पर वर्गीकरण
हमारे जीवन और सामान्य व्यवहार में कई तरह के साक्षात्कार होते हैं, जैसे व्यस्त लोग, उच्च अधिकारियों से मिलना, नौकरी के लिए या संगठन में प्रवेश पाने के लिए आदि।
प्रश्नावली और अनुसूचियां दोनों ही महत्वपूर्ण उपकरण हैं। ये दोनों उपकरण शोध कार्य करने में सहायता प्रदान करते हैं। प्रश्नावली और अनुसूची में अंतर निम्नलिखित हैं
अनुसूची वस्तुत: अनेक प्रश्नों की एक लिखित सूची होती है जिसे अनुसंधानकर्ता स्वयं उत्तरदाता के पास जाकर विभिन्न प्रश्न पूछकर अपने उत्तर स्वयं लिखता है।
प्रश्नावली निर्माण एक शिक्षित उत्तरदाता से जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है, इसलिए इसके निर्माण में अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है।