टेक्चुअल विश्लेषण क्या है? what is textual analysis?

टेक्चुअल विश्लेषण अर्थ (textual analysis meaning) :-

आज के युग में जहां एक ओर विभिन्न प्रकार के शोधों में विभिन्न प्रकार के एकत्रित तथ्यों का विश्लेषण करने के लिए विभिन्न प्रकार की विश्लेषण विधियों का उपयोग किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर टेक्चुअल विश्लेषण का उपयोग भी बड़ी मात्रा में देखा जा रहा है।

वस्तुतः टेक्चुअल विश्लेषण वह विधि है जिसके माध्यम से किसी भी लेखक द्वारा लिखे गए टेक्स्ट के वास्तविक अर्थ को उसके द्वारा लिखी गई भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है।

अनुसंधान में टेक्चुअल विश्लेषण (textual analysis in research) :-

कई शोधकर्ता सामाजिक विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में शोध कर रहे हैं, जो वास्तव में विभिन्न प्रकार की भाषा और भाषाई सामग्री पर एकमत नहीं हैं। वे अपने संबंधित विषयों के आधार पर टेक्स्ट, संवाद और शोध साक्षात्कार का विश्लेषण करते हैं।

अत: यदि हम टेक्चुअल विश्लेषण का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करें कि इन सभी प्रकार के सामाजिक विज्ञानों के तथ्यों के विश्लेषण में कोई विरोधाभास न हो, तो विश्लेषण आसान और तथ्य आधारित होगा। 

वस्तुतः टेक्चुअल विश्लेषण के आधार पर हम यह पता लगा सकते हैं कि उत्तरदाता अपनी भाषा में क्या कहना चाहता है अथवा कौन सी समस्या बताना चाहता है। टेक्चुअल विश्लेषण किसी व्यक्ति द्वारा लिखे या दिए गए कथनों का वास्तविक निरूपण है। किसी व्यक्ति द्वारा कही या लिखी गई भाषा का वास्तविक अर्थ प्राप्त कर उसका सही शब्दों में विश्लेषण किया जाए तो अनुसंधान को अनुमापन जा सकता है।

आज के समय के सन्दर्भ में टेक्चुअल विश्लेषण को देखें तो पता चलेगा कि यह विश्लेषण भाषा, हाव-भाव, प्रतीकों और स्थितियों के वास्तविक निरूपण पर जोर देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई व्यक्ति किसी प्रश्न का उत्तर देता है तो उस समय उसके चेहरे की प्रतिक्रिया उसके द्वारा दिए गए उत्तर की पुष्टि करती है।

कभी-कभी जब हम कोई दृश्य देखते हैं तो उसके साथ कोई भाषा नहीं लिखी होती है, फिर भी हम उस दृश्य का वास्तविक अर्थ जानने का प्रयास करते हैं और उसे अपनी भाषा में वर्णन करने में भी सक्षम होते हैं।

टेक्चुअल विश्लेषण उदाहरण (textual analysis example) :-

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि एक युवक किसी बार में प्रवेश करना चाहता है और वह गेट पर खड़े दरबान को अंदर जाने के लिए कहता है और दरबान युवक से उसकी उम्र पूछता है, जिसके जवाब में युवक कहता है कि वह 22 साल का है। जब दरबान को युवक की उम्र का यकीन हो जाता है तो वह युवक को बार में जाने की इजाजत दे देता है।

दरअसल, इस उदाहरण से साफ है कि दरबान ने युवक से बार में जाने की उम्र क्यों पूछी? तो हम यहां टेक्चुअल विश्लेषण के आधार पर देखते हैं कि दरबान ने युवक से उसकी उम्र पूछी क्योंकि बार में केवल वही लोग प्रवेश कर सकते हैं जो वयस्क हैं और 22 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। इसलिए, टेक्चुअल विश्लेषण हमें वास्तविक परिस्थितियों के बारे में जानने के लिए बाध्य करता है।

संक्षिप्त विवरण :-

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि टेक्चुअल विश्लेषण वह विश्लेषण है जिसके माध्यम से हम वास्तविक परिस्थितियों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। वे परिस्थितियाँ प्रतीकों, इशारों,भावों, प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष किसी भी रूप में हो सकती हैं।

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