जाति और वर्ग में अंतर :-
हालाँकि जाति और वर्ग सामाजिक स्तरीकरण के दो अलग-अलग रूप हैं और दोनों ही ऊँच-नीच की भावनाओं पर आधारित हैं, फिर भी दोनों के बीच कई मूलभूत अंतर हैं। जाति और वर्ग में अंतर इस प्रकार हैं :-
निर्धारण –
जाति जन्म पर आधारित है। एक बार किसी जाति में जन्म लेने के बाद उस जाति की सदस्यता जीवन भर बनी रहती है। लेकिन वर्ग व्यवस्था में जन्म को आधार नहीं माना जाता, बल्कि योग्यता, शिक्षा, क्षमता, आर्थिक स्थिति आदि के आधार पर वर्ग का निर्धारण किया जाता है।
जीवन साथी चुनने की स्वतंत्रता –
प्रत्येक जाति में यह बाध्यता है कि सदस्य अपनी ही जाति में विवाह करें। आज्ञा का उल्लंघन करने वालों को जाति से बहिष्कृत कर दिया जाता है। लेकिन वर्ग में ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन आम तौर पर एक वर्ग के सदस्य अपने ही वर्ग में विवाह करना चाहते हैं।
व्यवसाय –
जातिगत व्यवसाय निश्चित हैं, परंतु वर्ग व्यवस्था में व्यक्ति अपनी रुचि एवं योग्यता के अनुसार व्यवसाय चुन सकता है।
सदस्यता –
जातिगत सदस्यता प्रदान की जाती है, अर्थात इसे प्राप्त करने के लिए प्रयास नहीं करना पड़ता है। साथ ही, एक जाति का सदस्य होने के बाद कोई स्वेच्छा से और सहजता से दूसरी जाति का सदस्य नहीं बन सकता। परन्तु वर्ग की सदस्यता अर्जित की जाती है अर्थात् अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं से ही प्राप्त की जा सकती है।
अस्पृश्यता –
जाति व्यवस्था में ऊँच-नीच इस हद तक पाया गया कि कुछ अछूत जातियों को ऊँची जातियाँ अपने पास भी नहीं आने देती थीं। अस्पृश्यता जाति के सबसे गंभीर दुष्प्रभावों में से एक है। इस सीमा तक वर्ग व्यवस्था में ऊँच-नीच नहीं पाई जाती।
सामाजिक दूरी –
जाति व्यवस्था में खाने-पीने पर प्रतिबंध हैं, लेकिन वर्ग व्यवस्था में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं पाया जाता है। इसीलिए परम्परागत रूप से विभिन्न जातियों में खान-पान पर अनेक प्रतिबन्ध रहे हैं। वर्ग व्यवस्था में ऐसी व्यवस्था का अभाव है।
संस्तरण –
यद्यपि संस्तरण जाति एवं वर्ग दोनों में पाया जाता है तथापि जातियों में संस्तरण वर्ग की अपेक्षा अधिक स्पष्ट एवं निश्चित है।
स्थिरता –
जाति व्यवस्था एक बंद व्यवस्था होने के कारण अधिक स्थिर व्यवस्था है, जबकि वर्ग व्यवस्था जाति की तुलना में कम स्थिर व्यवस्था है।
FAQ
जाति और वर्ग में अंतर बताएं?
- निर्धारण
- जीवन साथी चुनने की स्वतंत्रता
- व्यवसाय
- सदस्यता
- अस्पृश्यता
- सामाजिक दूरी
- संस्तरण
- स्थिरता