धुंध क्या है? धुंध का अर्थ (dhundh kya hai)
धुंध एक तरह का वायु प्रदूषण है जो दृश्यता को कम करता है। धुंध की समस्या उन इलाकों में ज़्यादा होती है जहाँ धुआँ पैदा करने वाली फैक्ट्रियाँ होती हैं।
धुंध एक तरह का वायु प्रदूषण है जो दृश्यता को कम करता है। धुंध की समस्या उन इलाकों में ज़्यादा होती है जहाँ धुआँ पैदा करने वाली फैक्ट्रियाँ होती हैं।
पठार पृथ्वी की सतह के लगभग 18 प्रतिशत भाग पर फैले हुए हैं। पठार एक बहुत विस्तृत ऊंचा भूभाग होता है, जिसका शीर्ष भाग पहाड़ों के विपरीत चौड़ा और लगभग समतल होता है
लगभग समतल या बहुत ही कम ढलान वाली हल्की लहरदार निचली भूमि को मैदान कहा जाता है। मैदान लगभग 55 प्रतिशत भूभाग पर फैले हुए हैं।
भारत में मिट्टी के प्रकार -जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी, लाल मिट्टी, लैटराइट मिट्टी, मरूस्थलीय मिट्टी, पर्वतीय मिट्टी।
पृथ्वी का वह भाग जो आसपास के क्षेत्र की तुलना में बहुत ऊंचा हो तथा जिसका आधार बहुत चौड़ा तथा शिखर नुकीला हो, पर्वत कहलाता है।
विभिन्न क्रियाओं द्वारा मिट्टी को उसके स्थान से हटाना मृदा अपरदन कहलाता है। मृदा अपरदन आज की प्रमुख पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है।
ऐसा वायुमंडल को गर्म करने की प्रक्रिया की जटिलता के कारण होता है। पृथ्वी के वायुमंडल के गर्म होने का कारण है :- विकिरण, चालन, संवहन, अभिवहन।
विकीर्ण ऊर्जा को सौर विकिरण कहा जाता है। सूर्य द्वारा विकीर्णित ऊर्जा का वह भाग जो पृथ्वी तक पहुँचता है उसे 'सूर्यातप' कहते हैं।
वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण लिपटा रहता है। धरातल पर अपना भार डालने वाली वायु के स्तंभ को वायुदाब या वायुमंडलीय दाब कहते हैं।
पेड़, झाड़ियाँ, घास, लताएँ, लताएँ आदि पौधों की प्रजातियों के समूह, जो एक विशिष्ट वातावरण में एक-दूसरे के साथ मिलकर विकसित होते हैं, प्राकृतिक वनस्पति कहलाते हैं
वायुदाब में अंतर के कारण क्षैतिज दिशा में चलने वाली वायु को पवन कहते हैं। जब वायु ऊर्ध्वाधर दिशा में चलती है, तो उसे वायु धारा कहते हैं।
यह सामाजिक सम्मान, धन और राजनीतिक शक्ति का प्राथमिक आधार है। भूमि संसाधन के कई भौतिक रूप हैं जैसे पहाड़, पहाड़ियाँ, मैदान, तराई और घाटियाँ आदि।