श्रम समस्याओं का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए?
काम के न तो निश्चित घंटे हैं और न ही निश्चित वेतन। उनका जीवन स्तर भी काफी निम्न है। इस कारण श्रम समस्याओं का वर्गीकरण कर समस्याओं को जाना जा सकता है।
काम के न तो निश्चित घंटे हैं और न ही निश्चित वेतन। उनका जीवन स्तर भी काफी निम्न है। इस कारण श्रम समस्याओं का वर्गीकरण कर समस्याओं को जाना जा सकता है।
यदि श्रमिकों को उचित वातावरण और उचित सुविधाएं नहीं मिलती हैं और औद्योगिक श्रमिकों की समस्याएं बढ़ती हैं तो वे संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं।
श्रम समस्याओं के बढ़ने का मुख्य कारण औद्योगीकरण का विकास है। भारत में श्रम समस्याओं के उत्पन्न होने के कारण निम्नलिखित मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं:-
श्रम समस्याओं के उत्पन्न होने के कारण निम्नलिखित मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं - आर्थिक कारण, मनोवैज्ञानिक कारण, सामाजिक कारण, राजनीतिक कारण
'कृषि श्रमिक' से हमारा आशय गांव में काम करने वाले उन लोगों से है, जो खेती के धंधे में मजदूरी पर काम करते हैं। आबादी का एक बड़ा हिस्सा इन कषि श्रमिकों का है।
बंधुआ मजदूर गरीबी की पराकाष्ठा और शोषण व गुलामी के प्रतीक हैं। आज भी ये बंधुआ मजदूर मौजूद हैं। अब सरकार द्वारा इनके पुनर्वास के प्रयास किए जा रहे हैं।
घरेलू हिंसा से बचने के उपाय निम्नलिखित है - घरेलू हिंसा पर न्यायिक निर्णयों को सरल भाषा में व्यापक रूप से प्रचारित करने की आवश्यकता है।
इसका प्रभाव व्यक्ति, परिवार और समाज पर देखा जा सकता है। घरेलू हिंसा को रोकने के लिए कानून और धाराएं बनाई गई हैं जो आपराधिक धाराएं हैं।
अन्य समस्या की तरह भ्रष्टाचार के भी कई प्रमुख कारण हैं। भ्रष्टाचार के कारण व्यक्तिगत या विभिन्न परिस्थितियों और समाज के पहलुओं से संबंधित भी हो सकते हैं।
भ्रष्टाचार के इतने गंभीर परिणामों के बावजूद क्या किसी राष्ट्रीय नेता ने यहां ध्यान नहीं दिया? क्या राज्य ने इसके खिलाफ कुछ नहीं किया?
वर्तमान समय में बाल अपराध रोकने के उपाय दो प्रकार किया जा रहा हैं, पहला, उनके लिए नए कानून बनाए गए हैं और दूसरे, सुधार संस्थान और स्कूल बनाए गए हैं।
बाल अपराध एक सामाजिक समस्या है। इसलिए बाल अपराध के कारण भी समाज में मौजूद हैं। बाल अपराध के कारणों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:-