विवाह क्या है? विवाह का अर्थ एवं परिभाषा, विवाह के प्रकार

विवाह पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने के लिए दो विषमलैंगिक लिंगों (पुरुष और महिला) की सामाजिक, धार्मिक या कानूनी स्वीकृति है।

समाज कार्य और समाज कल्याण में अंतर  क्या है?

एक औद्योगिक समाज में जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए एक संगठित प्रयास के रूप में माना जा सकता है। समाज कार्य और समाज कल्याण में अंतर निम्नलिखित है -

सहसंबंध किसे कहते हैं? सहसंबंध का अर्थ, सहसंबंध की विधियां

सहसंबंध दो समंक श्रेणियों या पद मालाओं के बीच पाए जाने वाले पारस्परिक प्रभाव और उस प्रभाव की सीमा को स्पष्ट करता है, इसके कारण की व्याख्या नहीं करता है।

बहुलक किसे कहते हैं? बहुलक का अर्थ और परिभाषा (bahulak)

बहुलता को अधिक घनत्व वाला स्थान कहा जा सकता है। किसी भी समंक श्रेणी का मूल्य जिस पर सबसे बड़ी संख्या स्थित होती है, बहुलक कहलाती है।

माध्यिका किसे कहते हैं? माध्यिका का अर्थ एवं परिभाषा madhika

माध्यिका का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि माध्यिका उस अंक या पद का मूल्य है जो श्रेणी के समंकों को दो भागों में विभाजित करता है

वर्गीकरण क्या है? वर्गीकरण की विशेषताएं,वर्गीकरण के प्रकार

वर्गीकरण का अर्थ विभिन्न वस्तुओं या बिखरी हुई सामग्रियों को समान गुणों (या विशेषताओं) के आधार पर विभिन्न श्रेणियों या वर्गों में विभाजित करना है।

मनोविज्ञान में सांख्यिकी का महत्व बताइए?

मनोविज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में इसका प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। संक्षेप में मनोविज्ञान में सांख्यिकी का महत्व इस प्रकार है:-

सांख्यिकी क्या है? सांख्यिकी की परिभाषा, अर्थ, महत्व, सीमाएं

"सांख्यिकी" का उपयोग विज्ञान की विभिन्न शाखाओं और राज्य या संस्था की विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों और समस्याओं के अध्ययन में किया जाता है।

प्रतिवेदन किसे कहते हैं? प्रतिवेदन का अर्थ, prativedan

प्रतिवेदन किसी भी शोध कार्य को क्रियान्वित करने की अंतिम अवस्था होती है तथा इसमें शोध कार्य के अंतर्गत उन सभी बातों का उल्लेख होता है

अवलोकन के प्रकार क्या है? avlokan ke prakar

अध्ययन की सुविधा के लिए अवलोकन को कई भागों में विभाजित किया गया है। अवलोकन के प्रकार इस प्रकार हैं:- नियंत्रित अवलोकन, अनियंत्रित अवलोकन, सहभागी अवलोकन, असहभागी

अवलोकन क्या है? अवलोकन का अर्थ एवं परिभाषा, महत्व, गुण, दोष

सृष्टि के आदिकाल से लेकर आज तक मनुष्य अपने जिज्ञासु स्वभाव के कारण अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए अवलोकन विधि का सहारा लेता रहा है।