सिद्धांत क्या है? सिद्धांत का अर्थ (siddhant kya hai)
सिद्धांत की व्याख्या प्रकृति, अनुमान, गैर-निर्णय द्वारा की जाती है। लोगों की मान्यताओं में आज भी ऐसी मान्यताएं मौजूद हैं कि सिद्धांत में सब कुछ सही है
सिद्धांत की व्याख्या प्रकृति, अनुमान, गैर-निर्णय द्वारा की जाती है। लोगों की मान्यताओं में आज भी ऐसी मान्यताएं मौजूद हैं कि सिद्धांत में सब कुछ सही है
एक या दो शब्दों की मदद से बहुत संक्षिप्त रूप में व्यक्त करता है। तथ्यों के एक वर्ग की इस संक्षिप्त अभिव्यक्ति को विज्ञान में एक अवधारणा कहा जाता है।
गांधीवादी दर्शन का संबंध मानव कल्याण से भी है। गांधीजी ने अपने सामाजिक-राजनीतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जाति-धार्मिक और लिंग भेद को रोककर
अनुसंधान की सम्पूर्ण प्रक्रिया अनेक कदमो से गुजरती है, इन्हें सामाजिक अनुसंधान के चरण जाता है | एक चरण से दूसरे चरण में प्रवेश करते हुए अध्ययन को आगे
सामाजिक सर्वेक्षण के उद्देश्य क्या है ? इस के सम्बन्ध में अलग-अलग विद्वानों ने सामाजिक सर्वेक्षण के विविध उद्देश्यों का उल्लेख किया है
सामाजिक समस्याओं के स्वरूप, तत्कालीन अवश्यकताओं और उपलबध साधनों को ध्यान में रखते हुये अनेक सामाजिक सर्वेक्षण के प्रकार आयोजित किये जाने लगे हैं
सभी सामाजिक अनुसंधान के प्रकार में सामाजिक अनुसंधान का समान स्वभाव व प्रकृति के नहीं होते है । सामाजिक घटनाओं की प्रकृति विविधता से भरा हुआ होने के कारण अनेक
समाज कल्याण प्रशासन के कार्य को प्रशासकीय क्रियाकलापों के आधार पर अनेक विद्वानों के द्वारा के प्रस्तुत किया गया है - हैराल्ड सिल्वर द्वारा प्रस्तुत समाज
मौजूदा काल में समाज कार्य व्यवसाय अनेक बदलावों से गुजर रहा है जिसके कारण समाज कार्य व्यवसाय की समस्या व चुनौतियां उत्पन्न हो रही है ।
सामाजिक सुरक्षा से, हमारा मतलब है कि यह व्यक्ति को जीवन में कुछ जोखिमों और आकस्मिक घटनाओं के बोझ से बचाता है । जो भार स्वयं वहन करने में असमर्थ हैं
यह कहना बहुत मुश्किल है कि सामाजिक नीति का आदर्श अभिगम क्या है । सामाजिक नीति के अभिगम की संख्या कई है । प्रत्येक अभिगम सामाजिक नीति की प्रक्रियाओं
डा. श्रीमती इंगा थार्सन ने इंटरनेशनल काउंसिल फॉर सोशल वेलफेयर के समक्ष अपने विचार व्यक्त करते हुए, सामाजिक नीति के सिद्धांत के 5 प्रमुख सिद्धांतों को