सामाजिक क्रिया क्या है? (samajik kriya kya hai)
सामाजिक क्रिया का उद्देश्य सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश को निश्चित आकार देकर उसका विकास करना होता है जिस से सभी नागरिकों के लिए समृद्ध जीवन सम्भव किया जा सके।
सामाजिक क्रिया का उद्देश्य सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश को निश्चित आकार देकर उसका विकास करना होता है जिस से सभी नागरिकों के लिए समृद्ध जीवन सम्भव किया जा सके।
सामाजिक अनुसंधान में परिकल्पना का विशेष महत्व है। परिकल्पना को कभी-कभी प्राक्कल्पना, उपकल्पना, पूर्व कल्पना आदि भी कहा जाता है।
नगरीय समुदाय से तात्पर्य उस समुदाय से है जहाँ जनसंख्या ग्रामीण समुदाय से अधिक हो, लोगों का जीवन स्तर ऊँचा हो, वहाँ की संस्कृति एवं सभ्यता में आधुनिकता हो।
ग्रामीण समुदाय में बसने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। ग्रामीण समुदाय की कुछ प्राचीन प्रचलित विशेषताएँ थीं - हम भावना, कृषि व्यवसाय, सामान्य जीवन स्तर आदि।
नागरिकों को आज़ादी, राष्ट्र की मूल पहचान के लिए संविधान की आवश्यकता है। इस लेख में हम इस बात पर गहराई से विचार करेंगे कि हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है ।
समाज कल्याण प्रशासन के क्षेत्र अलग-अलग प्रकृति के हैं। यह मुख्य रूप से इन विषयों से संबंधित है:-
संविधान सभा (26 नवंबर 1949) द्वारा पारित किया गया। भारत का संविधान पूरे विश्व में किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा और लिखित संविधान है।
मानव जीवन में समुदाय का विशेष महत्व है। समुदाय मनुष्यों का एक समूह है जो एक स्थान पर एक साथ रहते हैं और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
यह सामाजिक अनुसंधान या शोध सामाजिक जीवन, समाज से जुड़ी घटनाओं और सामाजिक संरचना तथा सामाजिक जटिलताओं से संबंधित हो सकता है।
समाज कार्य एक व्यावसायिक सेवा है, जिसके अंतर्गत सामाजिक कार्यकर्ता महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है जो समस्याओं का समाधान करने का उत्तरदायित्व लेता है।
श्रम कल्याण में श्रमिक समुदाय के लिए सामाजिकएवं बौद्धिक कल्याण, मनोरंजन, सुरक्षा और आर्थिक लाभ से सम्बन्धित अनेक प्रकार के कार्य शामिल हैं।
व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार को समझने के लिए ही सामाजिक मनोविज्ञान का उदय हुआ है। मानव के सामाजिक व्यवहार का अध्ययन प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है।