मनोवैज्ञानिक शोध क्या है? what is psychological research
मनोवैज्ञानिक शोध के माध्यम से, मानव व्यवहार और मानसिक गतिविधियों की प्रकृति, उनमें अंतर्निहित तंत्र और उनके निर्धारकों का पता लगाया जाता है।
मनोवैज्ञानिक शोध के माध्यम से, मानव व्यवहार और मानसिक गतिविधियों की प्रकृति, उनमें अंतर्निहित तंत्र और उनके निर्धारकों का पता लगाया जाता है।
अनुसंधान कार्य शुरू करने से पहले शोधकर्ता को अपनी मंजूरी के लिए एक शोध प्रस्ताव तैयार करना आवश्यक होता है। शोध प्रस्ताव का कोई निश्चित प्रारूप नहीं है।
हमारे देश की सबसे प्रमुख सामाजिक समस्या जनसंख्या विस्फोट की समस्या है। आज विश्व की लगभग 7 प्रतिशत जनसंख्या पृथ्वी के 2.4 प्रतिशत क्षेत्रफल पर निवास करती है।
जीवन को व्यवस्थित करने का प्रयास किया जाता है, वहीं दूसरी ओर कई लोग लोगों के समाज सामने कई गंभीर समस्याएं सामाजिक शोषण करते रहते हैं।
भारतीय संविधान के अनुसार, 9 से 14 वर्ष की आयु के लड़के और लड़कियाँ जो सवैतनिक श्रम करते हैं। वे बाल श्रम के अंतर्गत आते हैं।
जिससे समाज में दूसरों को लाभ होता है, जिसे समाज में उपयोगी और वांछनीय माना जाता है, तो ऐसे व्यवहार को समाजोपयोगी व्यवहार (pro social behaviour) कहा जाता है।
परोपकारिता (altruism) एक विशेष प्रकार का सहायतापूर्ण व्यवहार है। जो व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ की अपेक्षा के परोपकार करता है,
सरल भाषा में अनुकरण का अर्थ है नकल करना। जब कोई बच्चा या व्यक्ति दूसरों के व्यवहार को देखकर वैसा ही व्यवहार करता है तो इस प्रक्रिया को अनुकरण कहा जाता है।
सुझाव एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति अपना विचार या राय दूसरे व्यक्ति के सामने इस आशा के साथ रखता है कि दूसरा व्यक्ति उसे स्वीकार कर ले।
सहानुभूति का अर्थ है एक ही भावना का सम्प्रेषण या संचार। यही भावना केवल दया या दुःख की ही नहीं बल्कि क्रोध, द्वेष, घृणा की भी हो सकती है।
मानव विकास की अवस्थाएं निम्नलिखित हैं। गर्भावस्था, शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था मध्यावस्था, वृद्धावस्था।
ज्वालामुखी विस्फोट से तात्पर्य उस घटना से है जिसमें पृथ्वी के अंदर जमा मैग्मा यानी गर्म लावा, गैस, राख बाहर निकलकर बहुत बड़े क्षेत्र में फैल जाता है।