लोक संस्कृति का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं (lok sanskriti)
लोक समाज की संस्कृति को लोक संस्कृति के नाम से पुकारा जाता रहा है। रेडफील्ड ने लोक समाज को एक ऐसा समाज माना है जिसमें नगरीय समाज से भिन्न विशेषताएं हैं।
लोक समाज की संस्कृति को लोक संस्कृति के नाम से पुकारा जाता रहा है। रेडफील्ड ने लोक समाज को एक ऐसा समाज माना है जिसमें नगरीय समाज से भिन्न विशेषताएं हैं।
क्योंकि भौतिक संस्कृति को सभ्यता कहा जाता है, सभ्यता और संस्कृति में अंतर को समझना भी आवश्यक है। अन्तर को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है-
संस्कृति कोई दैवीय शक्ति नहीं है बल्कि मनुष्य की रचना और उसका निरंतर अस्तित्व मानव द्वारा अतीत की विरासत के प्रतीकात्मक संचार पर निर्भर करता है।