समूह किसे कहते हैं? अर्थ, परिभाषा, विशेषतायें, दशाएँ
समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से, एक समूह को दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा समृह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है,जिसमें दो या दो से अधिक
समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से, एक समूह को दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा समृह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है,जिसमें दो या दो से अधिक
व्यवसाय मानव सभ्यता और संस्कृति के प्रारंभ से ही अस्तित्व में रहा होगा क्योंकि विशेष व्यावहारिक तकनीक के बिना समाज को उन्नत नहीं किया जा सकता है। समाज
गाँव मानव समुदायों का एक रूप है जो कृषि और कम जनसंख्या घनत्व पर आधारित है, जहाँ सदस्य आत्मनिर्भर संबंधों में रहते हैं। गाँव कृषि, परिवारों पर आधारित संरचना है।
नगर की अवधारणा 'नगरीय समुदाय', 'शहरी क्षेत्र' और 'शहर' ("नगर") का पर्याय है, जिनकी एक सार्वभौमिक परिभाषा देना मुश्किल है।
कस्बा मानव स्थापना का एक रूप है जो ग्रामीणता और शहरीकरण दोनों तत्वों को अपने जीवन और कार्यों में शामिल करता है। हम इस क्षेत्र को न तो गांव कह सकते हैं
अध्ययन की कोई भी विधि एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसके द्वारा एक शोधकर्ता बिना किसी पूर्वाग्रह के विभिन्न घटनाओं का व्यवस्थित रूप से अध्ययन करता है।
रॉबर्ट बिरस्टेड ने अपनी पुस्तक "द सोशल ऑर्डर" में समाजशास्त्र की प्रकृति की विशेषताएँ पर प्रकाश डाला है जो इस प्रकार हैं -
“विज्ञान” दो शब्दों से मिलकर बना हुआ एक शब्द है, यह दो शब्द है वि और ज्ञान (वि+ज्ञान=विज्ञान) जिसका अर्थ विशिष्ट ज्ञान होता है।
समाजशास्त्र में वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग किया जा सकता है या नहीं? यह प्रश्न समाजशास्त्र की प्रकृति से संबंधित एक प्रश्न है, जिसका संबंध इस तथ्य का पता
नगरीय समुदाय से तात्पर्य उस समुदाय से है जहाँ जनसंख्या ग्रामीण समुदाय से अधिक हो, लोगों का जीवन स्तर ऊँचा हो, वहाँ की संस्कृति एवं सभ्यता में आधुनिकता हो।
ग्रामीण समुदाय में बसने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। ग्रामीण समुदाय की कुछ प्राचीन प्रचलित विशेषताएँ थीं - हम भावना, कृषि व्यवसाय, सामान्य जीवन स्तर आदि।
मानव जीवन में समुदाय का विशेष महत्व है। समुदाय मनुष्यों का एक समूह है जो एक स्थान पर एक साथ रहते हैं और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।