Sociology - study notes - Page 12

भूमिका क्या है? भूमिका का अर्थ एवं परिभाषा (bhoomika)

भूमिका को प्रस्थिति से अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि भूमिका के बिना किसी भी प्रस्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती। इसीलिए भूमिका प्रस्थिति का गतिशील पक्ष है।

समाजशास्त्र का महत्व क्या है? samajshastra ka mahatva

समाजशास्त्र एक ऐसा विषय है जो समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम समाजशास्त्र का महत्व को समझने के लिए विभिन्न शीर्षकों को व्यक्त करेंगे।

लौकिकीकरण का  भारतीय समाज पर प्रभाव का वर्णन करें?

धर्मनिरपेक्षीकरण की प्रक्रिया उन समुदायों को प्रभावित करती है जो असंगठित हैं और केंद्रीय शक्ति की कमी है। लौकिकीकरण का भारतीय समाज पर प्रभाव इस प्रकार हैं

लौकिकीकरण क्या है? लौकिकीकरण का अर्थ, विशेषता, कारण

भारतीय समाज के नए आधारों को समझने के लिए लौकिकीकरण की प्रक्रिया के अर्थ और भारतीय समाज पर इसके प्रभाव का मूल्यांकन करना आवश्यक हो जाता है।

सांस्कृतिक परिवर्तन क्या है? लिखिए। sanskritik parivartan

सांस्कृतिक परिवर्तन सार्वभौम है अर्थात् यह प्रत्येक समाज में न्यूनतम गति से पाया जाता है। कुछ समाजों में अभौतिक संस्कृति का पक्ष बहुत कम ही बदला है

प्राथमिक स्रोत और द्वितीयक स्रोत में अंतर

प्राथमिक स्रोत और द्वितीयक स्रोत को शोध समस्या की प्रकृति के आधार पर संकलित किया जाता है। प्राथमिक स्रोत और द्वितीयक स्रोत में अंतर इस प्रकार हैं:

तथ्य संकलन के द्वितीयक स्रोत का महत्व और सीमाएं

द्वितीयक स्रोत द्वारा एकत्रित सामग्री को द्वितीयक सामग्री कहा जाता है। यह अनुसंधानकर्ता द्वारा किसी अन्य के प्रयोग या शोध द्वारा प्राप्त किया जाता है,

तथ्य संकलन के प्राथमिक स्रोत का महत्व और सीमाएं

प्राथमिक स्रोत को इस अर्थ में प्राथमिक कहा जाता है क्योंकि इसे अनुसंधानकर्ता द्वारा स्वयं पहली बार अपने अध्ययन उपकरण के माध्यम से एकत्रित किया जाता है।