जनजातीय विवाह क्या है? जनजातीय विवाह के प्रकार
भारत में जनजातीय विवाह संस्था अन्य देशों की जनजातियों की तरह सभ्य समाज से भिन्न है। प्रत्येक जनजाति की अपनी अलग संस्कृति होती है
भारत में जनजातीय विवाह संस्था अन्य देशों की जनजातियों की तरह सभ्य समाज से भिन्न है। प्रत्येक जनजाति की अपनी अलग संस्कृति होती है
वर्तमान समय में औद्योगीकरण, नगरीकरण, पश्चिमी शिक्षा, भौतिकवाद आदि के कारण ईसाई विवाह के क्रम में परिवर्तन आ रहा है। जिनमें से मुख्य है -
मुस्लिम विवाह को एक अनुबंध माना जाता है और कुरान इसका मुख्य स्रोत है। मुसलमानों में विवाह के लिए आमतौर पर "निकाह" शब्द का प्रयोग किया जाता है।
विवाह को एक धार्मिक संस्कार माना जाता है। विवाह के बाद ही कोई हिंदू धार्मिक क्रियाकलाप करने का हकदार होता है। अतः हिंदू विवाह का मुख्य उद्देश्य धार्मिक है।
विवाह पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने के लिए दो विषमलैंगिक लिंगों (पुरुष और महिला) की सामाजिक, धार्मिक या कानूनी स्वीकृति है।